इस कविता में मानवीकरण अलंकार का प्रयोग किया गया है? स्पष्ट कीजिए।

इस कविता में कवि ने अनेक पंक्तियों में मानवीयकरण अलंकार का प्रयोग किया है। मानवीय अलंकार वहाँ पर प्रयोग किया जाता है, जहाँ पर प्रकृति के तत्वों को मानव रूप में क्रिया संपन्न करते हुए दर्शाया जाता है। कवि ने ‘पर्वत प्रदेश में पावस ऋतु’ कविता में प्रकृति के अनेक तत्वों को मानवीय रूप में क्रियाएं संपन्न करते हुए दर्शाया है।

उदाहरण के लिए…

पर्वत द्वारा अपने फूल रूपी नेत्रों के माध्यम से अपना प्रतिबिंब निहारते हुए गौरव गान का अनुभव करना
झरनों द्वारा पर्वत का यशोगान करना
पेड़ों का आकाश की ओर देखना और उच्च आकांक्षा प्रकट करना
बादलों का पंख फड़फड़ाना
इंद्र द्वारा बादल पर बैठकर सवारी करना और अपना जादुई खेल दिखानायह सब क्रियाओं में यह सब प्रकृति के तत्व मानव के रूप में संपन्न करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसलिए इन सब में मानवीय अलंकार है।

पाठ के बारे में…

इस पाठ में सुमित्रानंदन पंत द्वारा रचित कविता पर ‘पर्वत प्रदेश में पावस’ को प्रस्तुत किया गया है।
सुमित्रानंदन पंत प्रकृति के सुकुमार कवि कहे जाते हैं। उन्होंने प्रकृति के सुंदर मनोरम दृश्यों का जितनी सुंदरता से वर्णन किया है, वैसा और किसी कवि ने नही किया।

इस कविता में कवि ने ऐसे ही रोमांच और प्रकृति के सौंदर्य को अपनी आँखों से निरखने की अनुभूति को प्रकट किया है।

सुमित्रानंदन पंत जो हिंदी साहित्य के छायावाद युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक माने जाते हैं, वह प्रकृति के सुकुमार कवि हैं। उनका जन्म 20 मई को उत्तराखंड के कौसानी में हुआ था, जो कि अल्मोड़ा जिले में स्थित है। बचपन से उन्हें कविता में गहन रुचि थी और मात्र 7 वर्ष की आयु में ही कविता पाठ और सृजन आरंभ कर दिया था। उनकी अधिकतर कविता में प्रकृति-प्रेम और रहस्यवाद की स्पष्ट झलक दिखाई देती है। इसी कारण प्रकृति के सुकुमार कवि कहे गए हैं। उनका निधन 1977 में हुआ था।

संदर्भ पाठ :

सुमित्रानंदन पंत, ‘पर्वत प्रदेश में पावस’ (कक्षा -10, पाठ – 5, हिंदी, स्पर्श, भाग -2)

 

इस पाठ के अन्य प्रश्न

भाव स्पष्ट कीजिए − 1. है टूट पड़ा भू पर अंबर। 2. −यों जलद-यान में विचर-विचर था इंद्र खेलता इंद्रजाल। 3. गिरिवर के उर से उठ-उठ कर उच्चाकांक्षाओं से तरुवर हैं झांक रहे नीरव नभ पर अनिमेष, अटल, कुछ चिंतापर।

झरने किसके गौरव का गान कर रहे हैं? बहते हुए झरने की तुलना किससे की गई है?

 

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पर्वत प्रदेश में पावस : सुमित्रानंदन पंत (कक्षा-10 पाठ-5 हिंदी स्पर्श 2)

 

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