क्या बाह्य दबाव केवल लेखन से जुड़े रचनाकारों को ही प्रभावित करते हैं या अन्य क्षेत्रों से जुड़े कलाकारों को भी प्रभावित करते हैं, कैसे?


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हाँ, बाह्य दबाव केवल लेखन से जुड़े रचनाकारों को ही नहीं बल्कि अन्य क्षेत्रों से जुड़े कलाकारों को भी प्रभावित करते हैं। यह बाहरी दबाव उस क्षेत्र के कलाकारों को समान रूप से प्रभावित करते हैं। हर क्षेत्र में कलाकार के ऊपर कोई न कोई बाहरी दबाव कार्य करता है, जो उसे विवश कर देता है।
उदाहरण के लिए कोई अभिनेता फिल्म अथवा मंच पर अभिनय करता है, तो उस पर उस पर निर्देशक का दबाव रहता है, उसे अपने निर्देशक के निर्देशों के अनुसार ही अभिनय करना होता है।
गायक गायिका पर संगीतकार और श्रोताओं आदि का दबाव रहता है।
किसी चित्रकार पर आर्थिक दबाव होता है कि उसके चित्र बिकें और उसे आर्थिक लाभ हों, इसलिए उसे ऐसे चित्र बनाने पड़ते हैं जो ग्राहकों को पसंद आए भले ही उस चित्र को बनाने में उसकी अभिरुचि प्रकट नहीं हो रही हो।
इसी प्रकार अन्य अलग तरह की क्षेत्रों जैसे कि खेल, राजनीति, शिल्पकला आदि पर आर्थिक और सामाजिक दबाब होता है।

पाठ के बारे में…

‘मैं क्यों लिखता हूँ’ पाठ ‘अज्ञेय’ द्वारा लिखा गया पाठ है, जिसके माध्यम से उन्होंने अपने लेखन अनुभव के बारे में वर्णन किया है। लेखक ने यह बताने की चेष्टा की है की वह लेखन कार्य क्यों करते हैं। उनके लेखन कार्य के क्या कारण है और लिखने से उन्हें कैसी अनुभूति होती है। कौन सी बातें हैं जो लेखक को लिखने के लिए प्रेरित करती हैं।
‘अज्ञेय’ जिनका पूरा नाम ‘सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय’ था। वह हिंदी साहित्य के जाने-माने लेखक रहे हैं। उनका जन्म 1911 में उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले कुशीनगर में हुआ था। उनकी आरंभिक शिक्षा दीक्षा जम्मू-कश्मीर और लाहौर में हुई थी। उन्होंने भारत के स्वाधीनता संग्राम में भी भाग लिया और इस कारण जेल भी गए। एक प्रसिद्ध साहित्यकार होने के साथ-साथ पत्रकार भी थे।
उनकी प्रमुख रचनाओं में चिंता, भग्नदूत, अरी ओ करुणा प्रभामय, इंद्रधनुष रौंदे हुए ये, आँगन के पार द्वार (काव्य संग्रह) शेखर : एक जीवनी, नदी के द्वीप (उपन्यास) अरे यायावर रहेगा याद (यात्रा वृतांत) आदि। उनका निधन 1987 में हुआ था।

संदर्भ पाठ :
“मैं क्यों लिखता हूँ?” अज्ञेय, (कक्षा – 10, पाठ – 4, हिंदी, कृतिका)

 

 

हमारे अन्य प्रश्न उत्तर :

कुछ रचनाकारों के लिए आत्मानुभूति/स्वयं के अनुभव के साथ-साथ वाह्य दबाव भी महत्वपूर्ण होता है। ये वाह्य दबाव कौन-कौन से हो सकते हैं?

मैं क्यों लिखता हूँ? के आधार पर बताइए कि लेखक को कौन सी बातें लिखने के लिए प्रेरित करती हैं? किसी रचनाकार के प्रेरणा स्रोत किसी दूसरे को कुछ भी रचने के लिए किस तरह उत्साहित कर सकते हैं?

 

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