ग्रीन अपार्टमेंट,
खलिनी,
शिमला – 171001,
प्रिय सखी राधा,
स्नेह !
मैं यहाँ पर अपने परिवार के साथ कुशलता से हूँ और ईश्वर से तुम्हारी कुशलता की मंगल कामना करती हूँ । तुम्हारा पत्र मिला था जानकर बहुत खुशी हुई कि तुम भारत आ रही हो। पत्र का जवाब देने में थोड़ी देर लग गई क्योंकि आज कल हमारे यहाँ पर बैसाखी की तैयारियां बड़े ज़ोर – शोर से चल रही है ।
शायद तुम्हें इस बारे में पता हो क्योंकि संयुक्त राज्य अमेरिका में , आमतौर पर वैसाखी उत्सव की स्मृति पर एक परेड भी होती है । पर चलो मैं तुम्हें बैसाखी के बारे में बताती हूँ। बैसाखी पारम्परिक रूप से प्रत्येक वर्ष 13 या 14 अप्रैल को मनाया जाता है।
यह त्योहार हिन्दुओं , बौद्ध और सिखों के लिए महत्वपूर्ण है । इस दिन पंजाब का परपरागत नृत्य भांगड़ा और गिद्दा किया जाता है । शाम को सभी लोग आग के आसपास इकट्ठे होकर नई फसल की खुशियाँ मनाते हैं । पूरे देश में श्रद्धालु गुरुद्वारों में अरदास के लिए इकट्ठे होते हैं । मुख्य समारोह आनन्दपुर साहिब में होता है , जहाँ पन्थ की नींव रखी गई थी ।
सुबह 4 बजे गुरु ग्रन्थ साहिब को समारोहपूर्वक कक्ष से बाहर लाया जाता है । दूध और जल से प्रतीकात्मक स्नान करवाने के बाद गुरु ग्रन्थ साहिब को तख्त पर बैठाया जाता है । इसके बाद पंच प्यारेन पंचबानी गाते हैं । दिन में अरदास के बाद गुरु को कड़ा प्रसाद का भोग लगाया जाता है ।
प्रसाद लेने के बाद सब लोग गुरु के लंगर में शामिल होते हैं । श्रद्धालु इस दिन कारसेवा करते हैं । दिन-भर गुरु गोविन्द सिंह और पंच प्यारों के सम्मान में शब्द और कीर्तन गाए जाते हैं । बैसाखी का त्योहार गुरु गोविंद सिंह द्वारा सिख धर्म को संगठित करने की घटना के उपलक्ष्य में मनाया जाता हैं ।
हिंदूओं के लिए यह त्योहार नववर्ष की शुरुआत है । हिंदू इसे स्नान , भोग लगाकर और पूजा करके मनाते हैं । ऐसा माना जाता है कि हजारों साल पहले देवी गंगा इसी दिन धरती पर उतरी थी । उन्हीं के सम्मान में हिंदू धर्मावलंबी पारंपरिक पवित्र स्नान के लिए गंगा किनारे एकत्र होते हैं तथा इस पर्व को मनाते है ।
इस दिन गंगा नदी में स्नान का बहुत महत्व है । हरिद्वार और ऋषिकेश में बैसाखी पर्व पर भारी मेला लगता है । बैसाखी के दिन सूर्य मेष राशि में संक्रमण करता है । इस कारण इस दिन को मेष संक्रान्ति भी कहते है ।
इसी पर्व को विषुवत संक्रान्ति भी कहा जाता है । चलो अब पत्र समाप्त करती हूँ जल्दी ही मिलते हैं और साथ मिलकर बैसाखी मनाएंगे , अपने माता – पिता को मेरी तरफ से प्रणाम कहना शेष मिलने पर ।
तुम्हारी सहेली,
ईशा ।
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1 thought on “अपने विदेश में रहने वाले मित्र सहेली को अप्रैल के मास में आने वाले पंजाब के प्रसिद्ध वैसाखी के त्योहार के बारे बताते हुए पत्र लिखें<div class="yasr-vv-stars-title-container"><div class='yasr-stars-title yasr-rater-stars' id='yasr-visitor-votes-readonly-rater-3f75c5e30565d' data-rating='0' data-rater-starsize='16' data-rater-postid='4224' data-rater-readonly='true' data-readonly-attribute='true' ></div><span class='yasr-stars-title-average'>0 (0)</span></div>”