आज की पीढ़ी द्वारा प्रकृति के साथ किस तरह का खिलवाड़ किया जा रहा है। इसे रोकने में आपकी क्या भूमिका होनी चाहिए।


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आज की पीढ़ी द्वारा प्रकृति के साथ जिस तरह का खिलवाड़ किया जा रहा है उसे रोकने के लिए हमें कुछ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। हमें सख्ती और जागरूकता की  एक मिश्रित उपाय पड़ेगा।

  • आज की युवा पीढ़ी केवल अपनी बौद्धिक सुख सुविधा में ही मग्न है। वह प्रकृति से निरंतर दूर होती जा रही है, लेकिन प्रकृति को नुकसान भी पहुंचा रही है।
  • आज की पीढ़ी पर्यटन स्थलों पर जाते हैं और प्लास्टिक पदार्थों तथा अवशिष्ट पदार्थों तथा को अन्य कूड़ा करकट को वहीं पर छोड़ आते हैं, जो इन पर्यटन स्थलों को ना केवल गंदा करते हैं बल्कि पर्यावरण को भी दूषित करते हैं।
  • आज की पीढ़ी प्रकृति से जितना ले रही है, उसका लेशमात्र भी वापस नहीं कर रही।
  • हमें पर्यटन स्थलों पर सख्त नियम बनाने होंगे और लोगों को जागरूक करने के लिए भी कुछ उपाय करने होंगे।
  • इसके अलावा ऐसे पदार्थों पर रोक लगानी होगी जो प्रकृति को नुकसान पहुंचाते हों, जिनमें प्लास्टिक प्रमुख है।
  • हमें आज की पीढ़ी को अधिक से अधिक पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करना होगा।
  • नदियों को स्वच्छ बनाए रखने के लिए जागरूकता अभियान चलाना होगा।
  • कल कारखानों का अवशिष्ट पदार्थ नदियों में गिरने से रोकना होगा।
  • हमें पेड़ों को काटने से भी रोकना होगा।
  • इस तरह के उपाय अपनाकर हम आज की पीढ़ी को जागरूक कर सकते हैं।

 

पाठ के बारे में…

‘साना साना हाथ जोड़ि’ यह पाठ ‘मधु कांकरिया’ द्वारा लिखा गया एक यात्रा वृतांत है, जिसमें उन्होंने सिक्किम की अपनी यात्रा का वर्णन किया है। इस यात्रा वृतांत में उन्होंने सिक्किम के प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन किया है और सिक्किम में जितने दिन उन्होंने बिताए, उन अनुभवों को साझा किया है। जितेन नार्गे नामक एक गाइड की यात्रा में उनका मार्गदर्शन कर रहा था।
मधु कांकरिया प्रसिद्ध हिंदी लेखिका रही हैं। जिनका जन्म 1957 में कोलकाता में हुआ था। उन्होंने अनेक यात्रा वृतांत, कहानि, उपन्यास आदि की रचना की है। उनकी प्रमुख रचनाओं में पत्ता खोर (उपन्यास), सलाम आखरी, खुले गगन के लाल सितारे, बेचते हुए, अंत में यीशु (कहानी संग्रह) आदि प्रमुख हैं। इसके अलावा उन्होंने कई यात्रा वृतांत भी लिखे हैं।

संदर्भ पाठ :

“साना-साना हाथ जोड़ि” – मधु कांकरिया (कक्षा – 10, पाठ – 3, हिंदी, कृतिका भाग -2)

 

इस पाठ के अन्य प्रश्न उत्तर…

देश की सीमा पर बैठे फ़ौजी किस तरह की कठिनाइयों से जूझते हैं? उनके प्रति हमारा क्या उत्तरदायित्व होना चाहिए?

प्रकृति ने जल संचय की व्यवस्था किस प्रकार की है?

कटाओ’ पर किसी भी दुकान का न होना उसके लिए वरदान है। इस कथन के पक्ष में अपनी राय व्यक्त कीजिए?

प्रदूषण के कारण स्नोफॉल में कमी का जिक्र किया गया है? प्रदूषण के और कौन − कौन से दुष्परिणाम सामने आए हैं, लिखें।

“कितना कम लेकर ये समाज को कितना अधिक वापस लौटा देती हैं।” इस कथन के आधार पर स्पष्ट करें कि आम जनता की देश की आर्थिक प्रगति में क्या भूमिका है?

सैलानियों को प्रकृति की अलौकिक छटा का अनुभव करवाने में किन−किन लोगों का योगदान होता है, उल्लेख करें।

प्राकृतिक सौंदर्य के अलौकिक आनंद में डूबी लेखिका को कौन−कौन से दृश्य झकझोर गए?

प्रकृति उस अनंत और विराट स्वरूप को देखकर लेखिका को कैसी अनुभूति होती है?

इस यात्रा − वृत्तांत में लेखिका ने हिमालय के जिन − जिन रूपों का चित्र खींचा है, उन्हें अपने शब्दों में लिखिए।

जितेन नार्गे की गाइड की भूमिका के बारे में विचार करते हुए लिखिए कि एक कुशल गाइड में क्या गुण होते हैं?

लोग स्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका को पूरे भारत की आत्मा एक−सी क्यों दिखाई दी?

जितेन नार्गे ने लेखिका को सिक्किम की प्रकृति, वहाँ की भौगोलिक स्थिति एवं जनजीवन के बारे में क्या महत्वपूर्ण जानकारियाँ दीं, लिखिए।

कभी श्वेत तो कभी रंगीन पताकाओं का फहराना किन अलग-अलग अवसरों की ओर संकेत करता है?

गंतोक को ‘मेहनतकश बादशाहों का शहर’ क्यों कहा गया?

झिलमिलाते सितारों की रोशनी में नहाया गंतोक लेखिका को किस तरह सम्मोहित कर रहा था?

 

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