सैलानियों को प्रकृति की अलौकिक छटा का अनुभव कराने में सबसे अधिक योगदान सैलानियों का मार्गदर्शन करने वाले गाइड का होता है । जो सैलानियों को संबंधित क्षेत्र के हर विषय में बताता है। वह उस क्षेत्र के भूगोल, इतिहास आदि के बारे में सैलानियों को अवगत कराता है।
गाइड का मुख्य उद्देश्य यह रहता है कि वह सैलानी की रूचि पर्यटन में बनाए रखे। इसके अलावा सैलानियों को प्रकृति की अलौकिक छटा का अनुभव कराने में उस क्षेत्र के मूल निवासियों का भी हाथ होता है, जो सैलानियों के लिए जिज्ञासा का समाधान करते हैं।
किसी क्षेत्र में छोटे-मोटे सामान आदि बेचने वाले विक्रेता, वेंडर आदि भी सैलानियों की जिज्ञासा को समाधान करने में सहायक होते हैं।
सैलानियों को प्राकृतिक दृश्य का आनंद तभी मिलता है, जब वहाँ के स्थानीय निवासी उमंग से भरपूर हो तथा स्थानीय लोग मिलनसार एवं उत्साह से भरपूर हों। सैलानियों के प्राकृतिक दृश्य का आनंद दुगना हो जाता है।
पाठ के बारे में…
‘साना साना हाथ जोड़ि’ यह पाठ ‘मधु कांकरिया’ द्वारा लिखा गया एक यात्रा वृतांत है, जिसमें उन्होंने सिक्किम की अपनी यात्रा का वर्णन किया है। इस यात्रा वृतांत में उन्होंने सिक्किम के प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन किया है और सिक्किम में जितने दिन उन्होंने बिताए, उन अनुभवों को साझा किया है। जितेन नार्गे नामक एक गाइड की यात्रा में उनका मार्गदर्शन कर रहा था।
मधु कांकरिया प्रसिद्ध हिंदी लेखिका रही हैं। जिनका जन्म 1957 में कोलकाता में हुआ था। उन्होंने अनेक यात्रा वृतांत, कहानि, उपन्यास आदि की रचना की है। उनकी प्रमुख रचनाओं में पत्ता खोर (उपन्यास), सलाम आखरी, खुले गगन के लाल सितारे, बेचते हुए, अंत में यीशु (कहानी संग्रह) आदि प्रमुख हैं। इसके अलावा उन्होंने कई यात्रा वृतांत भी लिखे हैं।
संदर्भ पाठ :
“साना-साना हाथ जोड़ि” – मधु कांकरिया (कक्षा – 10, पाठ – 3, हिंदी, कृतिका भाग -2)
इस पाठ के अन्य प्रश्न उत्तर…
प्रकृति ने जल संचय की व्यवस्था किस प्रकार की है?
कटाओ’ पर किसी भी दुकान का न होना उसके लिए वरदान है। इस कथन के पक्ष में अपनी राय व्यक्त कीजिए?
प्राकृतिक सौंदर्य के अलौकिक आनंद में डूबी लेखिका को कौन−कौन से दृश्य झकझोर गए?
प्रकृति उस अनंत और विराट स्वरूप को देखकर लेखिका को कैसी अनुभूति होती है?
लोग स्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका को पूरे भारत की आत्मा एक−सी क्यों दिखाई दी?
कभी श्वेत तो कभी रंगीन पताकाओं का फहराना किन अलग-अलग अवसरों की ओर संकेत करता है?
गंतोक को ‘मेहनतकश बादशाहों का शहर’ क्यों कहा गया?
झिलमिलाते सितारों की रोशनी में नहाया गंतोक लेखिका को किस तरह सम्मोहित कर रहा था?
हमारी सहयोगी वेबसाइटें..
[…] सैलानियों को प्रकृति की अलौकिक छटा का … […]