यात्रा वृतांत में लेखिका ने हिमालय के अनेक रूपों का चित्र खींचा है। लेखिका ने अपनी यात्रा में हिमालय के बदलते रूप को देखा है। लेखिका जैसे-जैसे ऊँचाई पर चढ़ती गई, उसे हिमालय विशाल से और विशालतर दिखाई देने लगा था। बड़े-बड़े विशाल पर्वतों के बीच गुजरते समय लेखिका को ऐसा लगता था कि वह किसी घनी हरियाली वाली गुफा के बीच से गुजर रहे हैं।
लेखिका को रास्ते में पर्वत के ऊँचे ऊँचे शिखर देखने को मिले तो उन पर्वतों से गिरते हुए झर झर झरने भी देखने को मिले। हालाँकि की लेखिका हल्के बादलों से गिरे होने के कारण कंचनजंगा चोटी के दर्शन नहीं कर सकी थी। लेखिका को अपनी यात्रा में चारों तरफ घाटियों में रंग-बिरंगे फूल ही फूल खिले दिखे और चारों तरफ प्राकृतिक सौंदर्य बिखरा पड़ा था।
लेखिका जिन-जिन रास्तों से गुजरी वह खतरनाक रास्ते जरूर थे, लेकिन उनका सौंदर्य भी अद्भुत था। यूमथांग के पास आते-आते रास्ते संकरे और घुमादार होने लगे थे। सेवेन सिस्टर्स फॉल को देखकर लेखिका मंत्रमुग्ध हो गई और हिमालय से इस अद्भुत सौंदर्य को देखकर लेखिका भाव-विभोर हो गई तथा असीम आनंद से भर उठी थी।
पाठ के बारे में…
‘साना साना हाथ जोड़ि’ यह पाठ ‘मधु कांकरिया’ द्वारा लिखा गया एक यात्रा वृतांत है, जिसमें उन्होंने सिक्किम की अपनी यात्रा का वर्णन किया है। इस यात्रा वृतांत में उन्होंने सिक्किम के प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन किया है और सिक्किम में जितने दिन उन्होंने बिताए, उन अनुभवों को साझा किया है। जितेन नार्गे नामक एक गाइड की यात्रा में उनका मार्गदर्शन कर रहा था।
मधु कांकरिया प्रसिद्ध हिंदी लेखिका रही हैं। जिनका जन्म 1957 में कोलकाता में हुआ था। उन्होंने अनेक यात्रा वृतांत, कहानि, उपन्यास आदि की रचना की है। उनकी प्रमुख रचनाओं में पत्ता खोर (उपन्यास), सलाम आखरी, खुले गगन के लाल सितारे, बेचते हुए, अंत में यीशु (कहानी संग्रह) आदि प्रमुख हैं। इसके अलावा उन्होंने कई यात्रा वृतांत भी लिखे हैं।
संदर्भ पाठ :
“साना-साना हाथ जोड़ि” – मधु कांकरिया (कक्षा – 10, पाठ – 3, हिंदी, कृतिका भाग -2)
इस पाठ के अन्य प्रश्न उत्तर…
प्रकृति ने जल संचय की व्यवस्था किस प्रकार की है?
कटाओ’ पर किसी भी दुकान का न होना उसके लिए वरदान है। इस कथन के पक्ष में अपनी राय व्यक्त कीजिए?
सैलानियों को प्रकृति की अलौकिक छटा का अनुभव करवाने में किन−किन लोगों का योगदान होता है, उल्लेख करें।
प्राकृतिक सौंदर्य के अलौकिक आनंद में डूबी लेखिका को कौन−कौन से दृश्य झकझोर गए?
प्रकृति उस अनंत और विराट स्वरूप को देखकर लेखिका को कैसी अनुभूति होती है?
लोग स्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका को पूरे भारत की आत्मा एक−सी क्यों दिखाई दी?
कभी श्वेत तो कभी रंगीन पताकाओं का फहराना किन अलग-अलग अवसरों की ओर संकेत करता है?
गंतोक को ‘मेहनतकश बादशाहों का शहर’ क्यों कहा गया?
झिलमिलाते सितारों की रोशनी में नहाया गंतोक लेखिका को किस तरह सम्मोहित कर रहा था?
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