जितेन नार्गे एक कुशल गाइड था, उसने लेखिका का जिस तरह से मार्गदर्शन किया था, उससे उसके कुशल गाइड होने के सभी गुण प्रकट होते थे। एक कुशल गाइड में निम्नलिखित गुणों का होना आवश्यक होता है।
किसी कुशल गाइड को अपने क्षेत्र के कोने-कोने की जानकारी होना आवश्यक है, और उसे जिस भौगोलिक क्षेत्र को गाइड करना होता है, उसकी हर हिस्से की सही जानकारी होनी चाहिए।
एक कुशल गाइड को क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति जलवायु तथा इतिहास के विषय में पूरी तरह पता होना चाहिए।
एक कुशल गाइड संप्रेषण कौशल अर्थात बातचीत में कुशल हो जिससे वह पर्यटकों के सभी प्रश्नों का कुशलतापूर्वक सही उत्तर दे सके।
एक कुशल गाइड व्यवहार कुशल होना आवश्यक है ताकि वह पर्यटक के साथ एक सहज संबंध बना सके और पर्यटक उसकी बातों पर सहज रुप से विश्वास कर सके।
एक कुशल गाइड का बुद्धिमान होना भी आवश्यक है ताकि किसी भी तरह की विपरीत परिस्थिति में वह उस परिस्थिति का सामना कर सके और पर्यटकों को भी उस कठिन परिस्थिति से बचा सके।
कुशल गाइड को अनेक भाषाओं का ज्ञान होना भी आवश्यक है, क्योंकि पर्यटक विभिन्न क्षेत्रों से आते हैं, जहां पर अलग-अलग भाषाएं बोली जाती हैं। अधिक से अधिक भाषाओं का ज्ञान उसे अधिक से अधिक लोगों के संपर्क में सुविधा प्रदान करेगा और वो अपनी बात आसानी से कह सकेगा।
एक कुशल गाइड का ड्राइवर होना भी आवश्यक है ताकि आवश्यकता पड़ने पर वाहन आदि को भी चला सके।
कुशल गाइड को अपने क्षेत्र से संबंधित किंवदंतियों, दंतकथाओं, लोककथाओं और जनश्रुतियों का ज्ञान होना आवश्यक है, ताकि रास्ते में पर्यटकों को रोचक बातें बताकर उन्हें बोर होने से बचा सके।
पाठ के बारे में…
‘साना साना हाथ जोड़ि’ यह पाठ ‘मधु कांकरिया’ द्वारा लिखा गया एक यात्रा वृतांत है, जिसमें उन्होंने सिक्किम की अपनी यात्रा का वर्णन किया है। इस यात्रा वृतांत में उन्होंने सिक्किम के प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन किया है और सिक्किम में जितने दिन उन्होंने बिताए, उन अनुभवों को साझा किया है। जितेन नार्गे नामक एक गाइड की यात्रा में उनका मार्गदर्शन कर रहा था।
मधु कांकरिया प्रसिद्ध हिंदी लेखिका रही हैं। जिनका जन्म 1957 में कोलकाता में हुआ था। उन्होंने अनेक यात्रा वृतांत, कहानि, उपन्यास आदि की रचना की है। उनकी प्रमुख रचनाओं में पत्ता खोर (उपन्यास), सलाम आखरी, खुले गगन के लाल सितारे, बेचते हुए, अंत में यीशु (कहानी संग्रह) आदि प्रमुख हैं। इसके अलावा उन्होंने कई यात्रा वृतांत भी लिखे हैं।
संदर्भ पाठ :
“साना-साना हाथ जोड़ि” – मधु कांकरिया (कक्षा – 10, पाठ – 3, हिंदी, कृतिका भाग -2)
इस पाठ के और प्रश्न-उत्तर…
प्रकृति ने जल संचय की व्यवस्था किस प्रकार की है?
कटाओ’ पर किसी भी दुकान का न होना उसके लिए वरदान है। इस कथन के पक्ष में अपनी राय व्यक्त कीजिए?
सैलानियों को प्रकृति की अलौकिक छटा का अनुभव करवाने में किन−किन लोगों का योगदान होता है, उल्लेख करें।
प्राकृतिक सौंदर्य के अलौकिक आनंद में डूबी लेखिका को कौन−कौन से दृश्य झकझोर गए?
प्रकृति उस अनंत और विराट स्वरूप को देखकर लेखिका को कैसी अनुभूति होती है?
लोग स्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका को पूरे भारत की आत्मा एक−सी क्यों दिखाई दी?
कभी श्वेत तो कभी रंगीन पताकाओं का फहराना किन अलग-अलग अवसरों की ओर संकेत करता है?
गंतोक को ‘मेहनतकश बादशाहों का शहर’ क्यों कहा गया?
झिलमिलाते सितारों की रोशनी में नहाया गंतोक लेखिका को किस तरह सम्मोहित कर रहा था?
हमारी सहयोगी वेबसाइटें..
3 thoughts on “जितेन नार्गे की गाइड की भूमिका के बारे में विचार करते हुए लिखिए कि एक कुशल गाइड में क्या गुण होते हैं?<div class="yasr-vv-stars-title-container"><div class='yasr-stars-title yasr-rater-stars' id='yasr-visitor-votes-readonly-rater-01f05136c1064' data-rating='0' data-rater-starsize='16' data-rater-postid='4108' data-rater-readonly='true' data-readonly-attribute='true' ></div><span class='yasr-stars-title-average'>0 (0)</span></div>”