जितेन नार्गे ने लेखिका को सिक्किम की प्रकृति वहां की भौगोलिक स्थिति एवं जन जीवन के बारे में अनेक महत्वपूर्ण जानकारियां दी थीं।
जितेन नोर्गे ने लेखिका को बताया कि हिमालय के रास्ते की गहरी घाटियां और सिक्किम की गाड़ियां सभी फूलों से भरी-भरी मिलेंगी।
जितेन नार्गे ने लेखिका से यह भी कहा कि सिक्किम की सभी घाटियों का सौंदर्य अद्भुत है और यहां की खूबसूरती स्विट्जरलैंड की खूबसूरती के समान है।
उसने लेखिका को बताया कि पहाड़ी रास्तों पर फहराई जाने वाली सफेद पताकाएं किसी बुद्धिस्ट की मृत्यु पर फहराई जाती हैं, तथा रंगीन पताकाएं किसी नए व शुभ कार्य का आरंभ करने पर फहराईं जाती हैं।
जितेन ने बताया की सिक्किम में भी भारत के अन्य हिस्सों की तरह आस्थायें, पाप-पुण्य की अवधारणाएं, विश्वास और अंधविश्वास प्रचलित हैं।
यहाँ की युवतियां बोकू नामक परिधान धारण करती है, जो उनके रूप सौंदर्य को निखार देता है।
सिक्किम में घर छोटे-छोटे घरों के रूप में पेड़ों के बीच बने होते हैं।
जितेन ने बताया कि सिक्किम स्त्री, पुरुष एवं बच्चे सभी मेहनतकश होते हैं और यह अपने जीवन यापन के लिए कठिन परिश्रम करते हैं। स्त्रियां घर के सभी कार्य करती हैं, खेती करती हैं, पत्थर तोड़ती है, स्वेटर बुनती हैं, सड़क बनाती हैं, चाय की पत्तियां तोड़ती हैं बच्चे उनके साथ उनके कार्य में हाथ बटातें हैं। अपनी पढ़ाई के लिए स्कूल जाने के लिए उन्हें बहुत ऊँची चढ़ाई चढ़नी पड़ती है।
पाठ के बारे में…
‘साना साना हाथ जोड़ि’ यह पाठ ‘मधु कांकरिया’ द्वारा लिखा गया एक यात्रा वृतांत है, जिसमें उन्होंने सिक्किम की अपनी यात्रा का वर्णन किया है। इस यात्रा वृतांत में उन्होंने सिक्किम के प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन किया है और सिक्किम में जितने दिन उन्होंने बिताए, उन अनुभवों को साझा किया है। जितेन नार्गे नामक एक गाइड की यात्रा में उनका मार्गदर्शन कर रहा था।
मधु कांकरिया प्रसिद्ध हिंदी लेखिका रही हैं। जिनका जन्म 1957 में कोलकाता में हुआ था। उन्होंने अनेक यात्रा वृतांत, कहानि, उपन्यास आदि की रचना की है। उनकी प्रमुख रचनाओं में पत्ता खोर (उपन्यास), सलाम आखरी, खुले गगन के लाल सितारे, बेचते हुए, अंत में यीशु (कहानी संग्रह) आदि प्रमुख हैं। इसके अलावा उन्होंने कई यात्रा वृतांत भी लिखे हैं।
संदर्भ पाठ :
“साना-साना हाथ जोड़ि” – मधु कांकरिया (कक्षा – 10, पाठ – 3, हिंदी, कृतिका भाग -2)
इस पाठ के और प्रश्न-उत्तर…
प्रकृति ने जल संचय की व्यवस्था किस प्रकार की है?
कटाओ’ पर किसी भी दुकान का न होना उसके लिए वरदान है। इस कथन के पक्ष में अपनी राय व्यक्त कीजिए?
सैलानियों को प्रकृति की अलौकिक छटा का अनुभव करवाने में किन−किन लोगों का योगदान होता है, उल्लेख करें।
प्राकृतिक सौंदर्य के अलौकिक आनंद में डूबी लेखिका को कौन−कौन से दृश्य झकझोर गए?
प्रकृति उस अनंत और विराट स्वरूप को देखकर लेखिका को कैसी अनुभूति होती है?
लोग स्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका को पूरे भारत की आत्मा एक−सी क्यों दिखाई दी?
कभी श्वेत तो कभी रंगीन पताकाओं का फहराना किन अलग-अलग अवसरों की ओर संकेत करता है?
गंतोक को ‘मेहनतकश बादशाहों का शहर’ क्यों कहा गया?
झिलमिलाते सितारों की रोशनी में नहाया गंतोक लेखिका को किस तरह सम्मोहित कर रहा था?
हमारी सहयोगी वेबसाइटें..