भगवद्गीता के किस श्लोक में बतलाया गया हैं:- हर मनुष्य को अपने धर्म के अनुसार कर्म करना चाहिए. जैसे- विद्यार्थी का धर्म है विद्या प्राप्त करना, सैनिक का कर्म है देश की रक्षा करना है। देह निर्वाह के लिए त्याग (संन्यास) का अनुमोदन न तो भगवान करते हैं और न कोई धर्मशास्त्र ही।
अध्याय 4 श्लोक 12
अध्याय 16 श्लोक 12
अध्याय 8 श्लोक 2
अध्याय 3 श्लोक 8
इस प्रश्न का सही विकल्प होगा :
अध्याय 3 श्लोक 8
विस्तार से समझें…
भगववद्गीता के अध्याय 3 श्लोक संख्या 8 में बताया गया है कि मनुष्य को अपना कर्म अपने धर्म के अनुसार ही करना चाहिए।
भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं
नियतं कुरु कर्म त्वं कर्म ज्यायो ह्यकर्मण:।
शरीरयात्रापि च ते न प्रसिद्धयेदकर्मण:।।
अर्थात हर मनुष्य को अपने धर्म के अनुसार कर्म का आचरण करना चाहिए। यह बिल्कुल उसी तरह है जैसे किसी विद्यार्थी का धर्म विद्या प्राप्त करना है, किसी सैनिक का कर्म देश की रक्षा करना है। जो लोग कर्म नहीं करते उनसे श्रेष्ठ तो वे लोग होते हैं, जो अपने धर्म के अनुसार कर्म करते हैं, क्योंकि धर्म के अनुसार कर्म किए बिना शरीर का पालन पोषण करना संभव नहीं। जिस व्यक्ति का जो धर्म है, उसे निभाते हुए अपना कर्म पूरा करना चाहिए।
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