mindians

हिंदी

Updated on:

इस पाठ में बच्चों की जो दुनिया रची गई है वह आपके बचपन की दुनिया से किस तरह भिन्न है?
0 (0)

कक्षा-10 पाठ-1 कृतिका भाग-2, कक्षा-10 पाठ-1 हिंदी, माता का आँचल, शिवपूजन सहाय

इस पाठ में बच्चों के बचपन की जो दुनिया रखी गई है। वह आज के बचपन से बिल्कुल भिन्न है। इस पाठ में उस समय के बचपन की दुनिया रखी गई है। उस समय के बच्चों की बचपन की दुनिया रखी गई है। जब खेलने के लिए अत्याधुनिक साधन नहीं होते थे। गाँव का सीधा साधा सरल जीवन था। बच्चों को खेलने के लिए बहुत अधिक सुख सुविधाएं वाली वस्तुएं नहीं थी। वह रोजमर्रा में काम आने वाली अनुपयोगी वस्तुओं उसको ही अपने खेल सामग्री बना लेते थे। ऐसी वस्तुएं उनके घर-आंगन, खेत-खलिहान से मिल जाती थी। वह प्रकृति से जुड़े बच्चे थे, जो प्रकृति की गोद में खेलते-कूदते थे। वे खेत. मिट्टी। पानी। पेड़ पहाड़ आदि के साथ खेलते थे।
आज के बच्चे बिल्कुल अलग दुनिया में रह रहे हैं। आज के बच्चे अपना समय टीवी, कंप्यूटर, मोबाइल आदि के सामने बिताते हैं। वह अब खेत खलिहान मैदानों में नहीं खेलते बल्कि घर में ही कमरे में कैद होकर वीडियो गेम, कंप्यूटर गेम खेलते हैं। अथवा अपने घर के लॉन आदि में बैडमिंटन, टेनिस, क्रिकेट जैसे गेम खेलते हैं। आज के बच्चे खाना भी चॉकलेट, पिज़्ज़ा आदि के रूप में खाते हैं जबकि पहले के बच्चे खेलने कूदने के बाद अपना सीधा-साधा घरेलू खाना ही खाते थे।
इस तरह इस पाठ में बच्चों की जो दुनिया रची गई है। वह आज की दुनिया से बिल्कुल भिन्न दुनिया है।

पाठ के बारे में…

‘माता का आँचल’ पाठ शिवपूजन सहाय द्वारा लिखा गया पाठ है, जिसमें उन्होंने भोलानाथ के बचपन के प्रसंग का वर्णन किया है। इस पाठ में भोलानाथ एक बच्चा है जिसका अपने पिता से बेहद लगाव था और वह हर समय अपने पिता के साथ ही रहता था। उसके पिता भी उसे हर समय अपने साथ रखते और उसे घुमाने ले जाते। उसे साथ बिठा कर पूजा करते, लेकिन जब भी कोई दुखद स्थिति आती तो वह अपने माँ के पास ही जाता था। माँ के आँचल की शरण ही लेता था। इसी कारण इस पाठ को ‘माता का आँचल’ भी कहा जाता है
शिवपूजन सहाय हिंदी के जाने-माने लेखक रहे हैं, जिन्होंने अनेक हिंदी कहानियों की रचना की। उनका जन्म अगस्त 1893 में बिहार के शाहाबाद में हुआ था। उनका निधन 21 जनवरी 1963 को पटना में हुआ। उन्होंने अनेक कथा एवं उपन्यासों की रचना की। उन्होंने अनेक पत्र-पत्रिकाओं का संपादन भी किया।

संदर्भ पाठ :

माता का आँचल – शिवपूजन सहाय, (कक्षा – 10, पाठ – 1, कृतिका, भाग -2)

 

 

हमारे अन्य प्रश्न उत्तर :

बच्चे माता−पिता के प्रति अपने प्रेम को कैसे अभिव्यक्त करते हैं?

माता का अँचल शीर्षक की उपयुक्तता बताते हुए कोई अन्य शीर्षक सुझाइए।

 

हमारी सहयोगी वेबसाइटें..

mindpathshala.com

miniwebsansar.com

Our Score
Click to rate this post!
[Total: 0 Average: 0]

Leave a Comment