इस तरह कभी-कभी अपने उन बच्चों की एक झलक-सी मिल जाती है। ऐसा जान पड़ता है। जैसे वे इन्हीं में उछल-उछलकर हँस-खेल रहे हैं । ​ निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए।


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इस तरह कभी-कभी अपने उन बच्चों की एक झलक-सी मिल जाती है। ऐसा जान पड़ता है। जैसे वे इन्हीं में उछल-उछलकर हँस-खेल रहे हैं । ​ निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए। ‘मिठाईवाला’ पाठ की इन पंक्तियों का आशय यह है कि मिठाईवाला के बच्चे उससे बिछड़ गए थे। किसी हादसे में उसके बच्चे हमेशा के लिए उससे बहुत दूर चले गए यानी बच्चों की मृत्यु हो गई। इस प्रकार उसका हँसता-खेलता घर उजड़ गया था।

‘मिठाईवाला’ एक धनी संपन्न व्यक्ति था। वह अपने बच्चों की स्मृतियां अन्य बच्चों में ढूंढा करता था, इसीलिए वह सस्ते दाम पर खिलौनों के बेचता था। उन बच्चों को खुश देख कर उसे अपने बच्चों की याद आ जाती थी। इस तरह वह अपने दुखी मन को दिलासा देने की कोशिश करता था। वह सभी बच्चों में अपने बच्चों की झलक पाकर कुछ देर को खुश हो जाता था। इन पंक्तियों का यही आशय है।

 

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