मीरा ने श्रीकृष्ण के रूप सौंदर्य का वर्णन बड़े ही सुंदर तरीके से किया है। मीरा कहती हैं कि श्रीकृष्ण के सर पर मोर के पंखों का मुकुट है, जो उनके सुंदर मुखड़े पर बेहद शोभायमान प्रतीत हो रहा है। वह पीतांबर यानी पीले वस्त्र धारण किए हुए हैं और उनके गले में फूलों की वैजयंती माला पड़ी हुई है। इस तरह उनका रूप बेहद दिव्य एवं मनोहारी लग रहा है। वह अपने इस सुंदरतम रूप में जब वे बाँसुरी बजाते हुए जब गाय चराते हैं, तो उनका रूप सौंदर्य और अधिक दिव्य एवं भव्य हो जाता है।
पाठ के बारे में …
इस पाठ में मीरा के पदों की व्याख्या की गई है। मीराबाई भक्ति काल की एक प्रमुख संत कवयित्री वही हैं, जो कृष्ण के प्रति अपनी अन्यतम भक्ति के लिए जानी जाती है। उन्होंने अपना पूरा जीवन कृष्ण की भक्ति में ही समर्पित कर दिया था। वह कृष्ण को अपना प्रियतम मानती थी और अपने पति की मृत्यु के बाद उन्होंने अपना शेष जीवन श्रीकृष्ण की आराधना में व्यतीत कर दिया। उन्होंने अनेक पदों की रचना की जो मीराबाई के पदों के नाम से प्रसिद्ध है।
संदर्भ पाठ :
मीरा – पद (कक्षा – 10, पाठ – 2, हिंदी, स्पर्श)
इस पाठ के अन्य प्रश्न उत्तर…
दूसरे पद में मीराबाई श्याम की चाकरी क्यों करना चाहती हैं? स्पष्ट कीजिए।
पहले पद में मीरा ने हरि से अपनी पीड़ा हरने की विनती किस प्रकार की है?
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