आपकी कॉलोनी में जल की आपूर्ति व्यवस्थित नहीं है अपने मित्र के साथ इन विषय पर संवाद :
श्याम : ( बगीचे में टहलते हुए ) अरे ! गोपाल क्या हुआ किस सोच में डूबे हो ?
गोपाल : ( बैंच से उठते हुए ) मित्र , हमारी कॉलोनी में जल की आपूर्ति को लेकर परेशान हूँ |
श्याम : गोपाल , सच कहा मित्र गर्मी का मौसम शुरू होते ही पानी का संकट शुरू हो जाता है ।
गोपाल : हाँ मित्र , हमारी कॉलोनी में तो एक दिन छोड़कर पानी आ रहा है और वह भी एक घंटा सुबह और एक घंटा शाम को ।
श्याम : हाँ हमारी कॉलोनी का भी यही हाल है । एक घंटे में कोई कैसे दो दिन के लिए पानी भर सकता है ? गर्मी के मौसम में तो वैसे ही अधिक पानी की आवश्यकता होती है ।
गोपाल : यही तो बात है । जैसे ही पानी आता है वैसे ही लोग पानी खींचने की मोटर शुरू कर देते हैं । जिससे कई लोगों को तो पानी मिल ही नहीं पाता और न जाने कहाँ-कहाँ से पानी भरकर लाना पड़ता है ।
श्याम : ऐसे लोगों के खिलाफ तो कठोर कार्यवाही की जानी चाहिए ।
गोपाल : बिलकुल सही कहा मित्र । ऐसे संकट में कोई तो अपनी पानी की टंकियाँ भर कर रख लेता है और कोई बूँद-बूँद को तरसता रहता ।
श्याम : कई जगहों पर तो पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है वहाँ तो कुछ लोग पानी को फ़ालतू बहाते रहते हैं । इतना भी नहीं सोचते की इस पानी से ही जीवन है ।
गोपाल : यदि सभी लोग पानी का सदुपयोग करें तो पानी का इतना संकट ही क्यों झेलना पड़े ?
श्याम : चलो चलता हूँ मित्र पानी के आने का समय हो गया है |
गोपाल : (घड़ी देखते हुए) हाँ – हाँ ! मैं भी चलता हूँ |
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