Tuesday, October 3, 2023

कोई छह बजे सुबह जैसे गर्म पानी से नहाई हो, जैसे गरम पानी से नहाई हो, खिली हुई हवा आई, फिरकी सी आई, फिर चली गई। पंक्ति में भाव स्पष्ट कीजिए।
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कोई छह बजे सुबह जैसे गर्म पानी से नहाई हो, जैसे गरम पानी से नहाई हो, खिली हुई हवा आई, फिरकी सी आई, फिर चली गई। इस पंक्ति में निहित भाव यह है कि बसंत ऋतु का जब आगमन होता है, उससे पहले वातावरण में जो हवा विद्यमान होती है, उस हवा में ठंडक होती है। इस ठंडक से मनुष्य सिहर उठता है, लेकिन जैसे ही बसंत ऋतु का आगमन होता है तो वह हवा हल्की सी गर्म यानी गुनगुनी हो जाती है। ऐसा प्रतीत होता है जैसे कोई युवती गर्म पानी से स्नान करके आई हो।

कवि कहता है कि यह हवा फिरकी की तरह गोल-गोल घूमती है और फिर अचानक रुक जाती है। इस हवा में ठंडापन नहीं होता। इस हवा से कोई से सिहरता नहीं बल्कि यह गर्म हवा ह्रदय को सुकून देती है और ह्रदय में आनंद भर देती है। यही वसंत ऋतु की विशेषता है।

 

संदर्भ पाठ :

रघुवीर सहाय – वसंत आया/तोड़ो (कक्षा – 12, पाठ – 6, अंतरा)

 

इस पाठ के अन्य प्रश्न उत्तर…

‘आधे-आधे गाने’ के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?

यह झूठे बंधन टूटें, तो धरती को हम जानें। यहाँ पर झूठे बंधनों और धरती को जानने से क्या अभिप्राय है?

कविता का आरंभ ‘तोड़ो तोड़ो तोड़ो’ से हुआ है और अंत ‘गोड़ो गोड़ो गोड़ो’ से हुआ। विचार कीजिए कि कवि ने ऐसा क्यों किया?

भाव स्पष्ट कीजिए। मिट्टी में रस होगा ही, जब वह पोसेगी बीज को, हम उसको क्या कर डालें इस अपने मन की खीज को, गोड़ो गोड़ो गोड़ो

पत्थर’ और ‘चट्टान’ किसके प्रतीक है?

‘वसंत आया’ कविता में कवि की चिंता क्या है?

प्रकृति मनुष्य की सहचरी है’ इस विषय पर विचार व्यक्त करते हुए आज के संदर्भ में इस कथन की वास्तविकता पर प्रकाश डालिए।

किन पंक्तियों से ज्ञात होता है कि आज मनुष्य प्रकृति के नैसर्गिक सौंदर्य की अनुभूति से वंचित है?

अलंकार बताइए। (क) बड़े-बड़े पिपराए पत्ते। (क) कोई छह बजे सुबह जैसे गर्म पानी से नहाई हो। (ग) खिली हुई हवा आई, फिरकी सी आई चली गई। (घ) कि दहर-दहर दहकेंगे कहीं ढाक के जंगल।

वसंत आगमन की सूचना कवि को कैसे मिली?

 

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