वसंत आगमन की सूचना कवि को तब मिली जब वो फुटपाथ पर चल रहा था। तब उसने प्रकृति में आए हुए परिवर्तनों को देखा जब उसे पता चला कि वसंत आ गया है। कवि ने देखा कि चिड़ियों के कूकने की आवाज सुनाई दे रही हैं। पेड़ों से गिरे हुए पीले पत्ते बिखरे पड़े हैं। ठंडी-ठंडी गुनगुनी ताजा हवा चल रही है। प्रकृति में आए यह सुहाने परिवर्तन देखकर कवि को एहसास हुआ कि वसंत ऋतु का आगमन हो गया है, उसके बाद कवि अपने घर पर जाकर कैलेंडर को देखकर अपने इस बात की पूर्ण रूप से पुष्टि भी कर लेता है।
पाठ के बारे में…
इस पाठ में ‘वसंत आया’ और ‘तोड़ो’ ये दो कवितायें ‘रघुवीर सहाय’ ने दो कवितायें प्रस्तुत की हैं।
‘वसंत आया’ कविता में वसंत ऋतु के आगमन और उसके सौंदर्य का वर्णन किया है। कवि को अचानक पता चलता है कि वसंत ऋतु का आगमन हो गया है, जब उसे मौसम मे परिवर्तन होता है। वो अपने घर जाकर इसकी पुष्टि भी कर लेता था।
‘तोड़ो’ कविता के माध्यम से कवि ने एक प्रतीकात्मक कविता प्रस्तुत की है। कवि का कहना है कि सृजन हेतु भूमि को तैयार करने के लिए चट्टानें, ऊस और बंजर को तोड़ना पड़ता है। तभी खेतों में फसल लहराती है। उसी प्रकार अपने अपने मन में नवीन विचारों के सृजन के लिए पुराने और बंजर विचारों को त्यागना और तोड़ना पड़ता है, सभी नवीनता का सृजन होगा।
पाठ के बारे में…
इस पाठ में ‘वसंत आया’ और ‘तोड़ो’ ये दो कवितायें ‘रघुवीर सहाय’ ने दो कवितायें प्रस्तुत की हैं।
‘वसंत आया’ कविता में वसंत ऋतु के आगमन और उसके सौंदर्य का वर्णन किया है। कवि को अचानक पता चलता है कि वसंत ऋतु का आगमन हो गया है, जब उसे मौसम मे परिवर्तन होता है। वो अपने घर जाकर इसकी पुष्टि भी कर लेता था।
‘तोड़ो’ कविता के माध्यम से कवि ने एक प्रतीकात्मक कविता प्रस्तुत की है। कवि का कहना है कि सृजन हेतु भूमि को तैयार करने के लिए चट्टानें, ऊस और बंजर को तोड़ना पड़ता है। तभी खेतों में फसल लहराती है। उसी प्रकार अपने अपने मन में नवीन विचारों के सृजन के लिए पुराने और बंजर विचारों को त्यागना और तोड़ना पड़ता है, सभी नवीनता का सृजन होगा।
रघुवीर सहाय हिंदी साहित्य के एक जाने-माने हस्ताक्षर रहे हैं। जिनका जन्म 1929 में लखनऊ उत्तर प्रदेश में हुआ था। वह नई कविता के सशक्त हस्ताक्षर थे।
उनकी प्रमुख काव्य कृतियों में ‘सीढ़ियों पर धूप में’, ‘हंसो-हंसो जल्दी हंसो’, ‘लोग भूल गए हैं’, ‘आत्महत्या के विरुद्ध’ आदि के नाम प्रमुख हैं। रघुवीर सहाय रचनावली नाम से प्रकाशित हुई छह खंडों के काव्य संग्रह में उनकी सभी रचनाओं को संकलित किया गया है। वह साहित्य पुरस्कार से भी सम्मानित किए जा चुके हैं। सन् 1990 में उनका निधन हो गया था।
संदर्भ पाठ :
रघुवीर सहाय – वसंत आया/तोड़ो (कक्षा – 12, पाठ – 6, अंतरा)
इस पाठ के अन्य प्रश्न उत्तर…
‘आधे-आधे गाने’ के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?
यह झूठे बंधन टूटें, तो धरती को हम जानें। यहाँ पर झूठे बंधनों और धरती को जानने से क्या अभिप्राय है?
पत्थर’ और ‘चट्टान’ किसके प्रतीक है?
‘वसंत आया’ कविता में कवि की चिंता क्या है?
किन पंक्तियों से ज्ञात होता है कि आज मनुष्य प्रकृति के नैसर्गिक सौंदर्य की अनुभूति से वंचित है?
1 thought on “वसंत आगमन की सूचना कवि को कैसे मिली?<div class="yasr-vv-stars-title-container"><div class='yasr-stars-title yasr-rater-stars' id='yasr-visitor-votes-readonly-rater-735c0acd16679' data-rating='0' data-rater-starsize='16' data-rater-postid='3668' data-rater-readonly='true' data-readonly-attribute='true' ></div><span class='yasr-stars-title-average'>0 (0)</span></div>”