“गा – गाकर बह रही निर्झरी , पाटल मूक खड़ा तट पर है” पंक्ति में अनुप्रास अलंकार है |
पंक्ति में ग’ वर्ण का दो बार प्रयोग हुआ है |
विस्तार से :
अनुप्रास अलंकार’ की परिभाषा के अनुसार जब किसी काव्य पंक्ति में किसी शब्द के प्रथम वर्ण की एक से अधिक बार पुनरावृति हो तो वहां पर ‘अनुप्रास अलंकार’ प्रकट होता है।
दूसरे नियम के अनुसार जब किसी समान शब्द की किसी काव्य पंक्ति में अनेक बार समान अर्थ में पुनरावृति हो तो भी वहाँ पर ‘अनुप्रास अलंकार’ प्रकट होता है।
अलंकार की परिभाषा :
अलंकार से तात्पर्य काव्य के सौंदर्य को बढ़ाने वाले शब्दों से होता है। अलंकार का काव्य के लिए आभूषण की तरह कार्य करते हैं। जिस तरह मानव के लिए आभूषण उसका सौंदर्य बढ़ाने का कार्य करते हैं। उसी तरह अलंकार काव्य के सौंदर्य को बढ़ाने का कार्य करते हैं, इसीलिए अलंकारों को काव्य का आभूषण कहा जाता है।
हमारे अन्य प्रश्न उत्तर :
गिरी का गौरव गाकर झर झर में कौन सा अलंकार है?
कल कल कोमल कुसुम पर मधु बरसाने वाली कौन उपयुक्त पंक्ति में कौनसा अलंकार है?