यूनेस्को द्वारा दुर्गा पूजा को वैश्विक विरासत ( world heritage) बनाने पर अपने विचार अनुच्छेद के रुप में लिखें ।


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यूनेस्को द्वारा दुर्गा पूजा को विश्व विरासत का दर्जा दे जाना बेहद सराहनीय कदम है। इससे ना केवल भारत का गौरव बढ़ा बल्कि विश्व के लोगों को लोगों द्वारा भारतीय संस्कृति जाने का और अधिक अवसर मिला।
दुर्गा पूजा के विशेष भव्य रूप के कारण दिसंबर 2021 में यूनेस्को ने मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक की प्रतिनिधि सूची में कोलकाता की दुर्गा पूजा को दर्जा दिया था।

दुर्गा पूजा बंगाल का गौरव है और यह बंगाल का बेहद लोकप्रिय सांस्कृतिक पर्व है। भले ही दुर्गा पूजा बंगाल में एक विशेष भव्य तरीके से मनाई जाती हो, लेकिन माँ दुर्गा की आरााधना नवरात्रि के रूप में भारत के हर हिस्से में की जाती है।
भारत के ऐसे अनेक त्योहार हैं जो विश्व विरासत की सांस्कृतिर सूची में स्थान पाने का अधिकार रखते हैं, जिनमें दिवाली, होली, ओणम, पोंगल, गरबा, गणपति, जन्माष्टमी, दशहरा अधिक उत्सव प्रमुख हैं।
भारत के इन सभी अद्भुत भव्य और सांस्कृतिक से समृद्ध त्योहारों को भी विश्व सांस्कृतिक विरासत की सूची में स्थान मिलना चाहिए ताकि त्योहारों का महत्व बढ़े और नई पीढ़ी अपने पारंपरिक त्यौहारों से और अधिक निकटता से जुड़ सके।

 

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