बच्चे का इधर-उधर कहना यह प्रकट करता है कि बच्चे को केवल उसी दिशा से मतलब है जिस दिशा में उसकी पतंग उड़ी जा रही है। वह केवल उसी दिशा को जानता है। वह यह नहीं जानता कि हिमालय की दिशा कहाँ है? उसे हिमालय की दिशा में कोई मतलब नहीं है। उसे तो केवल उसी दिशा से मतलब है, जिस दिशा में उसकी पतंग उड़ी जा रही है। वह केवल उसी दिशा में अपना ध्यान केंद्रित किए हुए हैं।
पाठ के बारे में :
‘बनारस’ और ‘दिशा’ इन दो कविताओं मेंं ‘बनारस’ कविता के माध्यम से कवि ने प्राचीनतम नगरी बनारस के सांस्कृतिक वैभव और ठेठ बनारसीपन पर प्रकाश डाला है। उन्होंने आस्था की नगरी बनारस की संस्कृति और वहाँ पर उत्पन्न होने वाली भीड़ के विषय में वर्णन किया है।
‘दिशा’ कविता के माध्यम से उन्होंने बाल मनोविज्ञान को उकेरा है।केदारनाथ सिंह हिंदी के जाने-माने कवि रहे हैं। इनका जन्म बलिया जिले के चकिया गाँव में 1934 में हुआ था। वह मानवीय संवेदनाओं से भरपूर कविता लिखते रहते थे। उनकी मृत्यु 2018 में हुई।
संदर्भ पाठ :
केदारनाथ सिंह, कविता – ‘बनारस’/’दिशा’ (कक्षा – 12 पाठ – 4, अंतरा)
हमारे अन्य प्रश्न उत्तर :
बनारस शहर के लिए जो मानवीय क्रियाएं इस कविता (बनारस) में आई हैं, उनका व्यंजनार्थ स्पष्ट कीजिए।