Tuesday, October 3, 2023

शिल्प सौंदर्य स्पष्ट कीजिए। (क) यह धीरे-धीरे होना धीरे-धीरे होने की सामूहिक लय दृढ़ता से बांधे हैं समूचे शहर को। (ख) अगर ध्यान से देखो, तो यह आधा है, और आधा नही है। (ग) अपनी एक टांग पर खड़ा है ये शहर अपनी दूसरी टांग से बिल्कुल बेखबर।
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शिल्प सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।

(क) यह धीरे-धीरे होना
धीरे-धीरे होने की सामूहिक लय
दृढ़ता से बांधे हैं समूचे शहर को।

शिल्प सौंदर्य : इस पंक्ति में धीरे-धीरे शब्द-युग्म के माध्यम से ‘पुनरुक्ति प्रकाश’ अलंकार प्रकट हो रहा है। ‘धीरे-धीरे’ के माध्यम से कवि ने बनारस शहर में धीमी गति से हो रहे बदलावों को इंगित किया है। कवि के अनुसार धीरे धीरे बनारस में हो रहे हैं। यह धीरे-धीरे ही बनारस की विशेषता है। धीमी गति से चलना बनारस की संस्कृति में निहित है। लाक्षणिकता का भाव पंक्ति में समाहित हो रहा है।

(ख) अगर ध्यान से देखो, तो यह आधा है, और आधा नही है।

शिल्प सौंदर्य : पंक्ति में अनुप्रास अलंकार भी प्रयुक्त हुआ है। पंक्ति के माध्यम से कवि ने बनारस शहर की मित्रता प्रकट की है। कवि के अनुसार कभी-कभी उसे बनारस में सब कुछ पूर्ण नहीं दिखाई देता है तो वह आधा बोलकर ही अपने अधूरेपन के भाव को व्यक्त कर देता है।  पंक्ति में प्रतीकात्मक प्रकट की है। आधा शब्द के माध्यम से कवि कविता में चमत्कार उत्पन्न कर रहा है।

(ग) अपनी एक टांग पर खड़ा है ये शहर
अपनी दूसरी टांग से बिल्कुल बेखबर।

शिल्प सौंदर्य :  पंक्ति में अनुप्रास अलंकार प्रकट हुआ है। इस पंक्ति में कवि बनारस की आध्यात्मिकता से भरी संस्कृति को प्रकट कर रहा है। बनारस शहर आध्यात्मिकता के रंग में इतना डूबा हुआ है कि वह अपने आसपास हो रहे बदलावों से बिल्कुल भी अनजान है। एक टांग पर खड़ा होना मुहावरे के संदर्भ में प्रयुक्त किया है। पंक्तियों में लाक्षणिकता और प्रतीकात्मकता दोनों का मिश्रण है।

पाठ के बारे में :
‘बनारस’ और ‘दिशा’ इन दो कविताओं मेंं ‘बनारस’ कविता के माध्यम से कवि ने प्राचीनतम नगरी बनारस के सांस्कृतिक वैभव और ठेठ बनारसीपन पर प्रकाश डाला है। उन्होंने आस्था की नगरी बनारस की संस्कृति और वहाँ पर उत्पन्न होने वाली भीड़ के विषय में वर्णन किया है।
‘दिशा’ कविता के माध्यम से उन्होंने बाल मनोविज्ञान को उकेरा है।
केदारनाथ सिंह हिंदी के जाने-माने कवि रहे हैं। इनका जन्म बलिया जिले के चकिया गाँव में 1934 में हुआ था। वह मानवीय संवेदनाओं से भरपूर कविता लिखते रहते थे। उनकी मृत्यु 2018 में हुई।

संदर्भ पाठ :
केदारनाथ सिंह, कविता – ‘बनारस’/’दिशा’ (कक्षा – 12 पाठ – 4, अंतरा)

 

हमारे अन्य प्रश्न उत्तर :

बनारस शहर के लिए जो मानवीय क्रियाएं इस कविता (बनारस) में आई हैं, उनका व्यंजनार्थ स्पष्ट कीजिए।

‘सई सांझ’ में घुसने पर बनारस की किन-किन विशेषताओं का पता चलता है?

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