सूने विराट के सम्मुख ___________ दाग से, पंक्तियों का अर्थ स्पष्ट कीजिए।


Updated on:

सूने विराट के सम्मुख,
हर आलोक हुआ अपनापन,
है उन्मोचन
नश्वरता के दाग से,

इन पंक्तियों का अर्थ  इस प्रकार होगा :

अर्थ 

इन पंक्तियों के माध्यम से कवि यह स्पष्ट करने का प्रयत्न कर रहे हैं कि इस संसार में जो भी वस्तु है, वह नश्वर है। हर वस्तु की जीवन अवधि है और उसके बाद उसे समाप्त हो जाना है। यही हर प्राणी के साथ होता है।
मनुष्य अपना पूरा जीवन इसी नश्वरता के भय में जीता रहता है।
कवि उदाहरण देते हुए कहते हैं कि जब बूँद सागर से क्षण भर के लिए स्वयं को अलग करती है, तब उसे अपने नष्ट होने का डर समाप्त हो जाता है और मुक्ति का एहसास उसके हृदय में भर जाता है।
यही वह क्षण भर का समय है, जब वह अपने जीवन की सार्थकता सिद्ध कर देती है। वह बता देती है कि समुद्र के बिना भी क्षण भर के लिए ही सही, उसका अस्तित्व है।
मनुष्य का जीवन भी बूंद के समान ही है। वह सागर रुपी संसार में बूंद के समान है और उसका जीवन एक न एक दिन समाप्त जाना है। लेकिन यदि वह अपने कर्मों से अपने जीवन की उपयोगिता सिद्ध कर दे तो जीवन को सार्थकता प्राप्त होती है।
मनुष्य अपने नश्वर शरीर से ऐसे अनेक कार्य कर सकता है जो उसके जीवन को सार्थकता प्रदान कर सकते हैं और यदि ऐसा करने में सफल होता है तो केवल उसका जीवन ही सार्थक नही होता है नश्वरता के भय से मुक्ति पा लेता है।

 

पाठ के बारे में…

‘यह दीप अकेला’ और ‘मैंने देखा एक’ बूंद इन दो कविताओं के माध्यम से कवि सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय ने मनुष्य को दीप का प्रतीक बनाकर संसार में उसकी यात्रा का वर्णन किया है। कवि ने दीप एवं मनुष्य की तुलना करके दोनों के स्वभाव एवं गुणों की तुलना की है।
‘मैंने देखा एक बूंद’ कविता में कवि ने समुद्र से अलग होती हुई बूंद की क्षणभंगुरता की व्याख्या की है और यह स्पष्ट करने का प्रयत्न किया है कि क्षणभंगुरता बूंद की होती है, समुद्र की नहीं। उसी तरह संसार में क्षणभंगुरता मनुष्य की है, समाज या संसार की नहीं।

संदर्भ पाठ
सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय – यह दीप अकेला/ मैने देखा एक बूंद (कक्षा 12, पाठ -3, अंतरा)

 

इन्हें भी देखें…

‘रंग गई क्षणभर ढलते सूरज की आग से’ पंक्ति के आधार पर बूंद के क्षण भर रंगने की सार्थकता बताइए।

‘सागर’ और ‘बूंद’ से कवि का क्या आशय है?

Our Score
Click to rate this post!
[Total: 0 Average: 0]

Leave a Comment