यह पत्र शुभी ने भेजा होगा ।
कर्मवाच्य – यह पत्र शुभी द्वारा भेजा गया होगा |
कर्म वाच्य की परिभाषा
क्रिया के उस रूपांतर को कर्मवाच्य कहते हैं , जिससे वाक्य में कर्म की प्रधानता का बोध हो |
आसान शब्दों में कहा जाए तो क्रिया के जिस रूप में कर्म प्रधान हो , जिसमें केवल सकर्मक
क्रिया के वाक्य होते हैं | उसे कर्मवाच्य कहते हैं |
वाच्य की परिभाषा – क्रिया के उस परिवर्तन को वाच्य कहते हैं , जिसके द्वारा इस बात का
बोध होता है कि वाक्य के अन्तर्गत कर्ता ,कर्म या भाव में से किसकी प्रधानता है |
वाच्य तीन प्रकार के होते हैं
1. कर्तृवाच्य
2. कर्मवाच्य
3. भाववाच्य
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