‘डायरी का एक पन्ना पाठ’ के आधार पर अगर कहें तो स्वाधीनता आंदोलन में विद्यार्थियों की महत्वपूर्ण भूमिका थी।
आंदोलन के दिन जिस मॉन्यूमेंट के नीचे सभा होने वाली थी, वहाँ विद्यार्थी सुबह ही पहुँच गये थे। लेकिन उस जगह के पुलिस ने सुबह से ही घेर लिया था।
चूँकि आंदोलन के कार्यक्रम के अनुसार भोर यानि सुबह में ही झंडा फहराया जाना था, इसलिए श्रद्धानंद पार्क में बंगाल प्रांतीय विद्यार्थी संघ के मंत्री अविनाश बाबू ने झंडा गाड़ दिया। इस पर पुलिस ने उनको पकड़कर गिरफ्तार कर लिया और बाकी लोगों को मारा और वहां से हटा दिया।
11 बजे मारवाड़ी बालिका विद्यालय की लड़कियों ने अपने विद्यालय में झंडा फहराया। जानकी देवी मदालसा आदि की लड़कियों ने भी आंदोलन में अपना योगदान दिया। गुजराती सेविका समिति की ओर से जुलूस निकाला गया, जिसमें बहुत सी लड़कियां भी शामिल थीं।
इस तरह ‘डायरी का एक पन्ना’ के आधार पर अगर हमे कहें तो विद्यार्थिों ने यथासंभव अपना योगदान दिया।
संदर्भ पाठ :
‘डायरी का एक पन्ना’, लेखक – सीताराम सेकसरिया (कक्षा-10, पाठ-11, स्पर्श)
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