सोवियत संघ का उत्तराधिकारी ‘रूस’ को बनाया गया, जो कि 1991 में सोवियत संघ का उत्तराधिकारी बना।
विस्तार से समझें…
सोवियत संघ की स्थापना का दौर बेहद लंबा रहा है। इसकी स्थापना 1922 में हुई थी और 1991 में सोवियत संध टूटकर बिखऱ गया।
सोवियत संघ 15 राष्ट्रों का एक संघ था। इसमें जो सबसे बड़ा राष्ट्र था, वो ‘रूस’ था।
सोवियत संघ 1991 में टूटकर अलग अलग राष्ट्रों में बिखर गया और रूस जो कि सबसे बड़ा देश था, उसको सोवियत संघ के उत्तराधिकारी के रूप में मान्यता दे दी गई।
26 दिसंबर 1991 को ‘रूस’ सोवियत संघ का उत्तराधिकारी बना और रूसी सरकार ने सोवियत संघ के कार्यालय को संभाल लिया। इसके पहले 25 दिसंबर 1991 को ‘मिखाइल गौर्बाच्योव’ में सोवियत संघ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।
सोवियत संघ स्थापना 1918 की रूस की क्रांति के बाद 1922 में हो गई थी। जब लेनिन के नेतृत्व में रूस में अपने सीमा विस्तार किया और आसपास के पूर्वी यूरोप के अनेक छोटे-बड़े राष्ट्रों को अपनी सीमा में शामिल कर लिया।
सोवियत संघ का आधिकारिक नाम ‘यूनाइटेड सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक’ (USSR) था। ये यूरोप और एशिया के एक बड़े भूभाग पर एक विस्तृत राष्ट्र संघ था।
सोवियत संघ में 15 स्वायत्त राष्ट्र शामिल थे। कहने को ये स्वायत्त राष्ट्र थे लेकिन इन पर एक केंद्र सरकार का नियंत्रण था।
इन 15 राष्ट्रों के नाम हैं…
- रूस
- यूक्रेन
- बेलारूस
- उज्बेकिस्तान
- तजाकिस्तान
- जार्जिया
- लिथुआनिया
- अजरबैजान
- लातविया
- माल्दोविया
- आर्मीनिया
- किर्गिस्तान
- ताजिकिस्तान
- तुर्कमेनिया
- एंटोनिया
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