‘मैं सबसे छोटी होऊँ’, पाठ के आधार पर अपनी ‘माँ’ की प्रशंसा में पाँच वाक्य लिखे।​


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‘मैं सबसे छोटी होऊँ’ पाठ के आधार पर अपनी माँ की प्रशंसा में पाँच वाक्य इस प्रकार हैं…
  1. मेरी माँ दुनिया की सबसे अनमोल माँ हैं। उनके जैसा कोई नहीं है।
  2. मेरी माँ मेरा बहुत ध्यान रखती हैं, उन्हें हमेशा मेरे खाने की चिंता लगी रहती है। मेरे घर में मेरी पसंद का ही खाना बनता है।
  3. मेरी माँ मुझे कभी भी कहीं पर अकेले नहीं जाती जाने देती क्योंकि उन्हें मेरी बहुत चिंता रहती है और वह हमेशा किसी ना किसी बड़े को मेरे साथ भेजती हैंं।
  4. मेरी माँ मेरी कोई भी पसंद की चीज मांगने पर कभी मना नहीं करती है। मुझे पत्रिकाएं पुस्तकें पढ़ना पसंद है और वह हमेशा मेरे लिए तरह-तरह की पत्रिकायें पुस्तकें लाकर देती हैं।
  5. मेरी माँ मेरे कपड़ों का भी बहुत ध्यान रखती हैं और भले ही वह अपने लिए कपड़े नहीं लें, लेकिन वह मेरे लिए हमेशा नए कपड़े लेती हैं।

 

संदर्भ पाठ :

‘मैं सबसे छोटी होऊँ’ – कविता, सुमित्रानंदन पंत (कक्षा-6, पाठ-13, वसंत)

‘मैं सबसे छोटी हूँ’ कविता मैं कवि सुमित्रानंदन पंत ने एक छोटी सी बच्ची के मन के मनोभावों को व्यक्त किया है। वह अपनी माँ के प्रति अपनी भावनाओं को व्यक्त कर रही है और सबसे घर में सबसे छोटी होने की कामना कर रही है, ताकि उसे अधिक से अधिक लाड प्यार मिले।

 

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