‘जहाँ पहुँचकर अनजान क्षितिज को मिलता एक सहारा’ पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।


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जहाँ पहुँचकर अनजान क्षितिज को मिलता एक सहारा’ पंक्ति का आशय इस प्रकार होगा :

कवि जयशंकर प्रसाद ने ‘कार्नेलिया के गीत’ कविता की इन पंक्तियों के माध्यम से भारतवासी की विशेषताओं का वर्णन किया है। उनके अनुसार भारत एक ऐसा देश है। जहाँ पर अजनबी लोगों को भी जब चाहो आश्रय मिल जाता है। संसार में ऐसे लोग जिनका कोई आश्रय नहीं होता, वह भारत में बेहद सरलता से आश्रय पा लेते हैं।
भारत ने विश्व से हर तरह के लोगों को अपने यहाँ शरण दी है। यह भारत के लोगों की हृदय की विशालता को प्रकट करता है। यहां की संस्कृति महान है और यहाँ के लोग बड़े दिलवाले हैं, इसीलिए बाहर से आए पक्षियों को ना केवल आश्रय दिया बल्कि उन्हें सहारा भी दिया यानी बाहर से आए अलग-अलग धर्म समुदाय के लोगों को भी अपनी शरण दी और उनको सहारा दिया, जिससे वह यहीं पर इसी संस्कृति में रच बस गए।

संदर्भ पाठ :
जयशंकर प्रसाद  – देवसेना का गीत/कार्नेलिया का गीत (कक्षा – 12, पाठ – 1, अंतरा)

 

हमारे अन्य प्रश्न उत्तर :

काव्य सौंदर्य स्पष्ट कीजिए। हेम कुंभ ले उषा सवेरे, भरती ढुलकाती सुख मेरे, मदिर ऊँघते रहे जब जगकर, रजनी भर तारा।

‘उड़ते खग’ और ‘बरसाती आँखों के बादल’ में क्या विशेष अर्थ व्यंजित होता है?

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