‘उड़ते खग’ के माध्यम से कवि ने आप्रवासियों के विशेष अर्थ को व्यंजित किया है:
कवि के अनुसार भारत एक ऐसा देश है जहाँ बाहर से पक्षी आकर भी आश्रय पा लेते हैं अर्थात भारत ने बाहर से आने वाले हर तरह के लोगों को अपने यहाँ आश्रय दिया है। यहाँ बाहर से आकर लोग आश्रय ही नहीं पाते बल्कि उन्हें यहाँ पर असीम सुख और शांति भी मिलती है, सम्मान मिलता है और वह यहीं के होकर रह जाते हैं। यही भारत की सबसे विशिष्टता है। यहाँ पर कवि ने ‘उड़ते खग’ को ‘आप्रवासी यात्रियों’ के रूप में व्यंजित किया है।
‘बरसाती आँखों के बादल’ के माध्यम कवि ने यह अर्थ व्यंजित किया है कि भारत के लोग ऐसे लोग हैं, जो करुणा के भाव से परिपूर्ण है और वह दूसरों के दुख को देख कर दुखी हो जाते हैं। दूसरों के दुख के कारण उनकी आँखों में स्वतः ही आँसू निकल पड़ते हैं। ‘बरसाती आँखों के बादल’ पंक्ति में ‘करुणा के आँसू’ ये विशेष अर्थ व्यंजित होता है।
संदर्भ पाठ :
जयशंकर प्रसाद – देवसेना का गीत/कार्नेलिया का गीत (कक्षा – 12, पाठ – 1, अंतरा)
हमारे अन्य प्रश्न उत्तर :
कार्नेलिया का गीत कविता में प्रसाद ने भारत की किन विशेषताओं की ओर संकेत किया है?
देवसेना की हार और निराशा के क्या कारण हैं?
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