‘कार्नेलिया का गीत’ कविता में कवि प्रसाद ने भारत की निम्नलिखित विशेषताओं की ओर संकेत किया है…
- कवि प्रसाद इस कविता में कहते हैं कि भारत ऐसा देश है जहाँ पर सूरज की किरण सबसे पहले पहुंचती है। सुबह-सुबह वृक्षों की टहनियों आदि पर जब सूरज की किरणें अपनी लालिमा बिखेरती हैं तो वह दृश्य जीवंत हो उठता है।
- भारत एक ऐसा देश है, जो ‘अतिथि देवो भवः’ की संस्कृति का पालन करने वाला देश है, जहाँ पर अपरिचित व्यक्ति को भी घर में प्रेम पूर्वक सम्मान दिया जाता है।
- भारत देश के चप्पे-चप्पे का प्राकृतिक सौंदर्य बिखरा पड़ा है। उत्तर में विशाल हिमालय तो दक्षिण में असीम सागर है।
- भारत के लोग प्रेम, करुणा और दया की भावना से भरे हुए हैं। उनके मन में सबके प्रति दया की भावना है।
- कवि के अनुसार भारत देश विश्व का सबसे महानतम देश है, यहां की संस्कृति सबसे प्राचीन एवं महान है।
संदर्भ पाठ :
जयशंकर प्रसाद – देवसेना का गीत/कार्नेलिया का गीत (कक्षा – 12, पाठ – 1, अंतरा)
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