जलीय पौधों में मूलरोम नहीं होते फिर भी इन पौधों को जल के अवशोषण में कठिनाई नहीं होती, क्यों?


Updated on:

जलीय पौधों में मूल रोम नहीं होते ,फिर भी इन पौधों को जल के अवशोषण में कठिनाई इसलिए नहीं होती क्योंकि जलीय पौधों के तने अनुकूलित होते हैं जो कि स्वयं को पानी के अवशोषण के अनुसार ढाल लेते हैं।
जलीय पौधों के तनो में यह गुण होता है, कि वो नरम एवं प्रत्यास्थ होते हैं, जिस कारण यह आवश्यकता पड़ने पर पानी का अवशोषण कर लेते हैं।
वास्तव में पौधों में मूल रोम यानि जड़ का मुख्य कार्य पौधे के लिए पानी का अवशोषण करना ही होता है, इसीलिए भूमि पौधों में जड़े पाई जाती हैं क्योंकि वह भूमि के अंदर गहराई तक जाकर जल का अवशोषण कर सकें।
जलीय पौधों तो पानी में होते हैं तो यहां पर जड़ों का कोई कार्य नहीं होता, इसलिए पानी के अवशोषण का कार्य तने ही कर लेते हैं, जो कि वायवीय होते है, और आसानी से पानी का अवशोषण कर लेते है।
यही कारण है कि जलीय पौधों में मूल रोम न होने के बावजूद जव अवशोषण में कोई कठिनाई नही होती।

 

हमारे अन्य प्रश्न उत्तर :

जनधन योजना में बचत को बढ़ावा देने के लिए बैंक कर्मी तथा ग्रामीण के मध्य संवाद लिखिए

भाषा वही श्रेष्ठ है जिसको जनसमूह आसानी से समझ लें। (रेखांकित उपवाक्य के का भेद लिखिए​)

Our Score
Click to rate this post!
[Total: 0 Average: 0]

Leave a Comment