जापान को सभ्य देशों में इसलिए गिना जाता है, क्योंकि जापान ने ईट का जवाब पत्थर से देना सीख लिया था और इसी कारण जब उसने जब उसने कुछ विजय हासिल की तो वह सभी देशों में गिना जाने लगा।
‘दो बैलों की कथा’ पाठ में लेखक मुंशी प्रेमचंद की कथा के आधार पर अगर कहें तो लेखक मुंशी प्रेमचंद ने जापान को सभ्य देश कहा है। उनके अनुसार जापान ने ईंट का जवाब पत्थर से देना सीख लिया। उसने किसी भी तरह का अत्याचार नहीं सहा, इसीलिए वह सभ्य देशों की श्रेणी में आ गया। इसका मतलब है कि सहनशीलता एक दुर्गुण के समान है।
जो लोग ईट का जवाब पत्थर से देना सीख जाएं, वह सभ्य कहलाने लगते हैं। जो लोग चार बातें सुनकर चुपचाप रह जाते हैं, सहशीलता अपनाते हैं, वह बदनाम हैं। जापान ने सहनशीलता नही अपनाई बल्कि ईंट का जवाब पत्थर से देना सीखा इसलिये वह सभ्य कहलाया।
संदर्भ:
दो बैलों की कथा, मुंशी प्रेमचंद (कक्षा -9, पाठ – 1), हिंदी-क्षितिज
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