‘दो बैलों की कथा’ में गधे से शुरुआत इसलिए की गई है, क्योंकि गधे के उदाहरण द्वारा मुंशी प्रेमचंद ने बुद्धिमानी का परिचय देने की कोशिश की है।
लेखक मुंशी प्रेमचंद के अनुसार जानवरों में गधा सबसे बुद्धिमान समझा जाता है, लेकिन आदमी बेवकूफ के रूप में प्रयोग करता है और जिस किसी व्यक्ति को बेवकूफ कहना हो तो उसे गधा कह देते हैं, जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है।
गधा बेवकूफ नहीं बल्कि सीधा और सहनशील प्राणी है और उसके सीधेपन सहनशीलता प्राणी है, और उसकी सीधापन और सहनशीलता के कारण ही लोग उसे बेवकूफ कहने की पदवी दे दी है, जबकि वह वास्तव में एक बुद्धिमान प्राणी होता है।
गधा कभी क्रोध नहीं करता। चाहे उसे कितना भी मारो, लेकिन वह कभी भी क्रोध नही करता, जबकि कुत्ता यहाँ तक कि गाय जैसे जानवर भी क्रोध कर लेता है। लेखक ने कहानी का आरंभ गधे से करके यही समझाने की कोशिश की है कि गुणों की इस संसार में कदर नहीं होती।
कहानी के मुख्य पात्र हीरा मोती में भी अनेक गुण थे, लेकिन उन्हें काफी तकलीफें सहनी पड़ी।
संदर्भ :
दो बैलों की कथा, मुंशी प्रेमचंद (कक्षा -9, पाठ – 1), हिंदी-क्षितिज
हमारे अन्य प्रश्न उत्तर :
तताँरा वामीरो कथा ने किस पुरानी प्रथा का अंत किया?
बचेंद्री पाल जी का माउंट एवरेस्ट चढ़ाई का सफर किस तरह रहा? इसको अपने वाक्य में लिखिए।
[…] […]