चन्द्रमौलि दिनकर,प्राप्तांक सूर्योदय समास इस प्रकार है :
चन्द्रमौलि – जिनकी मौलि पर है चन्द्र अर्थात भगवान शिव (बहुव्रीहि)
चन्द्रमौलि : बहुव्रीहि समास
दिनकर – दिन में कार्य करने वाला अर्थात सूर्य (बहुव्रीहि)
दिनकर :बहुव्रीहि समास
प्राप्तांक – प्राप्त अंक (अव्यवी भाव)
प्राप्तांक : अव्यवीभाव समास
सूर्योदय – सूर्य का उदय (तत्पुरुष)
सूर्योदय : तत्पुरुष समास
विस्तार से :
बहुव्रीहि समास
बहुव्रीहि समास की परिभाषा के अनुसार जब मूल पदों में कोई भी पद प्रधान ना हो और उन पदों को जोड़कर एक नये पद की रचना हो और वह पद नए तीसरे अर्थ को संकेत करता हो अर्थात मूल शब्दों के अर्थ नए शब्द के अर्थ को प्रकट करता हो तो वहां पर बहुव्रीहि समास होता है।
बहुव्रीहि समास के उदाहरण :
- पीला है जो अंबर पीतांबर अर्थात भगवान श्रीकृष्ण अथवा भगवान विष्णु
- दशानन : दश है आनन जिसके अर्थात रावण
अव्यवीभाव समास :
अव्ययीभाव समास की परिभाषा के अनुसार जब किसी सामासिक पद में पूर्व पद अर्थात पहला पद प्रधान हो तथा दूसरा पद एक अव्यय की तरह कार्य करें, तो वहां पर अव्ययीभाव समास होता है।
अव्यवीभाव समास के उदाहरण :
- यथाशक्ति : शक्ति के अनुसार
- आजीवन : पूरा जीवन
- प्रतिवर्ष : हर वर्ष
तत्पुरुष समास
तत्पुरुष समास की परिभाषा के अनुसार जब दोनों पदों में दूसरा पद प्रधान हो तो वहाँ तत्पुरुष समास होता है।
तत्पुरुष समास के उदाहरण :
- मोहबंधन : मोह का बंधन
- प्रसंगोचित : प्रसंग के अनुसार
- राजकन्या : राजा की कन्या
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