मकान नं 24 , ग्रीन पार्क ,
खलिनी ,
शिमला -171002 |
विषय : ग्लोबल वार्मिंग के खतरों से आगाह करने हेतु पत्र |
प्रिय सखी ,
सप्रेम ,
आशा करती हूँ कि तुम अपने स्थान पर कुशल मंगल होगी | मैं भी यहाँ अपने परिवारजनों सहित कुशलता
पूर्वक हूँ | तुम्हारा पत्र मिला था पड़ कर बहुत प्रसन्ता हुई परंतु मैं तुम्हारे पत्र का उत्तर नहीं दे पाई | बहुत दिनों से तुम्हें पत्र लिखने का सोच रही थी लेकिन समय ही नहीं मिल पाया क्योंकि मैं नाना – नानी के घर गई थी |
मेरे नाना जी एक वैज्ञानिक हैं और उन्होंने मुझे ग्लोबल वार्मिंग के बारे मे बताया , मुझे तो सुन कर बहुत डर लगा | क्या तुम्हें मालूम है कि जब वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ने से ग्लोबल वार्मिंग का खतरा बढ़ने लगा है , इसके कारण ओज़ोन परत में छेद होने के कारण तापमान में वृद्धि हुई है |
ओज़ोन परत में छेद होने के कारण धरती का तापमान बढ़ने लगा है जिस कारण अनेक रोगों का खतरा भी बढ़ गया है और कई प्राकृतिक आपदाएँ मुँह खोले खड़ी है , जैसे –बाढ़ , सूखा , हिमक्षरण आदि |
ग्लोबल वार्मिंग से ना केवल हम मनुष्य ही बल्कि जीव – जंतु भी प्रभावित हो रहे हैं | बढ़ते तापमान के कारण गलेशियर पिघलने लगे है जिससे धरती का जल – स्तर बढ़ने लगा है | इसी के परिणाम स्वरूप एक समय में समुन्द्र के किनारे बसने वाले नगर जलमग्न हो जाएँगे |
इस समस्या से निपटने के लिए जीवाश्म इंधनों का प्रयोग कम करना होगा वैकल्पिक ऊर्जा के स्रोत तलाशने होंगे | क्लोरो – फ़्लोरो कार्बन्स की मात्रा पर रोक लगानी होगी | वृक्षारोपण को बढ़ावा देना होगा , वन सरक्षण के लिए सभी को मिल – जुल कर कार्य करना होगा तभी हम सब सुरक्षित हो पाएंगे वरना वो दिन दूर नहीं जब हम सब भी जलमग्न हो जाएंगे |
हो सके तो तुम भी अपने ज्यादा से ज्यादा दोस्तों को इस बारे में बताना | अपने माता – पिता को मेरी ओर से प्रणाम कहना और अपने छोटे भाई श्याम को मेरा प्यार देना |
तुम्हारी सखी ,
जया |
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