आस-पास के उदाहरणों को देखकर अपने मित्रों से संवाद इस प्रकार है :
पहला मित्र : तुम्हें पता है कि हमारे जीवन प्रकृति का बहुत महत्व है।
दूसरा मित्र : हाँ भाई, बिल्कुल, मैं तो कहता हूँ कि प्रकृति हमारे जीवन एक अभिन्न अंग है।
तीसरा मित्र : भाई, तुम यह भी जानते हो कि प्रकृति का एक रूप नहीं बल्कि अनेक रूप हैं और प्रकृति निरंतर अपने नए-नए रूपों से हमें सहेजती है।
दूसरा मित्र : प्रकृति मानव से लेकर जीव-जंतुओं तक के जीवन को आनंद और अच्छाइयों से भर देती है।
पहला मित्र : जैसे एक फूल को ही देखो तो ऐसा लगता है वो हमें मुस्कुराना सिख रहा है।
तीसरा मित्र : सही है, प्रकृति केवल सौन्दर्य का स्त्रोत ही नहीं बल्कि शिक्षा भी प्रदान करती है। प्रकृति सिखाती है कि इस द्वेष और नफरत को छोड़ कर हर मनुष्य को प्यार और अदभाव की खुशबू फैलानी चाहिए।
पहला मित्र : भाई, कई लोग कहते हैं कि प्रकृति हमें कठिन प्रस्थितियों से निपटने का भी ज्ञान देती है, लेकिन वो कैसे ?
दूसरा मित्र : क्योंकि प्रकृति में समाए पहाड़ हमें विपरीत परिस्थितियों में भी एक जगह ताकत से खड़े रहने की प्रेरणा देते हैं।
दूसरा मित्र : जिस पेड़ में ज्यादा फल लगे होते है, उसकी डालियाँ झुकी होती हैं और इसलिए प्रकरती हमें इस माध्यम से विनम्र होना सिखाती है।
पहला मित्र : सही है भाई, जब एक झरने से पानी गिरता है तो उस बहते पानी का संगीत सच में मन में एक बहुत शांत अनुभूति का अहसास करवाता है।
तीसरा मित्र : प्रकृति ने तो अपना सर्वस्व हमारे लिए दे दिया है लेकिन हम प्रकृति के लिए क्या कर सकते हैं।
पहला मित्र : हमें तो बस आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रकृति को स्वच्छ और संरक्षित रखना आवश्यक है क्योंकि अगर हमने इस प्रकृति को सँजो के नहीं रखा तो मनुष्य जीवन का अंत भी सुनिश्चित है।
दूसरा मित्र : अरे भाई, यह प्रकृति ही है जो अपने गर्भ में अनेकों जड़ी-बूटियों को रखती है और यही जड़ी –बूटियाँ मनुष्य को मौत के पंजे से भी वापिस ले आती हैं।
पहला मित्र : तुम जानते हो प्रकृति ने पशु, पक्षियों, नदिया, समुद्र, पेड़ पौधे, नीला आकाश, ज़मीन, पहाड़ सबको अपने में पनाह दे रखी है।
तीसरा मित्र : सही है मित्रो, हमें इस प्रकृति के सौन्दर्य बनाए रखने के लिए प्रतिदिन आस- पास नए पौधे लगाना चाहिए, ताकि प्रकृति में पेड़ पौधों का संतुलन बना रहे।
पहला मित्र : सही है भाई, हम कल से ही इस अमूल्य प्रकृति को बचाने और इसके सौन्दर्य को और बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयत्न करेंगे और समाज में भी प्रकृति को बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाएंगे।
दूसरा और तीसरा मित्र : ठीक है भाई, तो कल मिलते हैं गाँव के पीपल के नीचे और इस मुहिम का श्री गणेश करते हैं।
हमारे अन्य प्रश्न उत्तर :
बस्ते का बोझ कम होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए माँ-बेटी के बीच हुए संवाद को लिखिए।