वाच्य के भेद इस प्रकार होंगे :
अर्जुन ने चिड़िया की आंख पर निशाना लगाया।
वाच्य भेद : कर्तृवाच्य
शिष्यों ने गुरुजनों के पैर छुए।
वाच्य भेद : कर्तृवाच्य
किसानों द्वारा फसल बोई गई।
वाच्य भेद : कर्मवाच्य
राष्ट्रपति द्वारा उद्घाटन किया गया।
वाच्य भेद : कर्मवाच्य
प्रधानाचार्य द्वारा पुरस्कार वितरित किए गए ।
वाच्य भेद : कर्मवाच्य
आज कक्षा में नया पाठ पढ़ाया गया।
वाच्य भेद : कर्तृवाच्य
नानी से अब कहानी सुनाई नहीं जाती ।
वाच्य भेद : भाव वाच्य
वह जोर जोर से हसने लगा।
वाच्य भेद : कर्तृवाच्य
उससे कोई काम नहीं किया जाता।
वाच्य भेद : भाववाच्य
वे हँसी-मज़ाक सहन नहीं करते थे।
वाच्य भेद : कर्तृवाच्य
थोड़ा और जानें :
हिंदी व्याकरण में वाच्य क्रिया का वह रूप होता है, जो वाक्य में कर्ता की प्रधानता अथवा कर्म की प्रधानता अथवा भाव प्रधानता का बोध कराता है।
वाच्य के तीन भेद होते हैं।
कर्तृवाच्य
कर्मवाच्य
भाववाचकजिस
वाक्य में कर्ता की प्रधानता होती है, वह कर्तृवाच्य कहलाता है।
जैसे
राम ने रावण को मारा।
जिस वाक्य में कर्म की प्रधानता होती है, वह कर्मवाच्य कहलाता है।
जैसे
राम द्वारा रावण को मार गया।
जिस वाक्य में भाव की प्रधानता होती है, वह भाववाच्य कहलाता है।
जैसे
राम से रावण को मारा गया।
कुछ और जाने :