जब पिताजी ने बच्चों को घर के कामकाज में हाथ बंटाने के लिए उन्हें अलग-अलग काम सौंपे तो बच्चों ने उधम और धमाचौकड़ी द्वारा पूरे घर को अस्त-व्यस्त कर दिया। उन्होंने सारे काम उल्टे-सीधे कर डालें। इससे पूरा घर तहस-नहस हो गया।
घर की ऐसी हालत देखकर अम्मा जी बेहद परेशान हो गई और उन्होंने पिताजी को चेतावनी देते हुए कहा कि ‘या तो बच्चाराज कायम कर लो, या मुझे ही रख लो’।
अम्मा की यह चेतावनी सुनकर ये परिणाम यह हुआ कि पिताजी ने घर की किसी भी चीज को बच्चों को हाथ ना लगाने के लिए सख्त हिदायत दे दी और बच्चों से कहा कि यदि किसी ने घर की किसी चीज को हाथ लगाया या घर का कोई काम किया तो उसे रात का खाना नहीं मिलेगा।
विशेष :
‘कामचोर’ कहानी ‘इस्मत चुगताई’ द्वारा लिखी गई कहानी है, उसमें एक समृद्ध परिवार के आलसी बच्चों के बारे में बताया गया है, जो आलस के कारण कोई काम नहीं करना चाहते। उनसे काम कराने के लिए उनके माता-पिता को उपाय आजमाने पड़े।
बच्चों के उधम मचाने के कारण घर की क्या दुर्दशा हुई?
धरती माता ऊंच नीच का भेद क्यों नहीं करती?