पक्षी और बादल द्वारा लाई गई चिट्ठियों को प्रकृति के तत्व ही पढ़ पाते हैं। प्रकृति के इन तत्वों में पेड़, पौधे, झील, तालाब, नदी, पर्वत, समुंदर, हवा, पानी आदि होते हैं।पक्षी और बादल द्वारा लाई गई चिट्ठियों को सामान्य व्यक्ति नहीं पढ़ पाता। पक्षी और बादल द्वारा लाई गई इन चिट्ठियों में विश्व-बंधुत्व, प्रेम-सद्भाव का संदेश छुपा होता है क्योंकि पक्षी और बादल सीमाओं के बंधन से परे हैं। वह भौगोलिक सीमाओं में भेदभाव नही करते और भौगोलिक सीमा से परे हर जगह अपना संदेश ले जाते हैं।
पक्षी और बादल भगवान के डाकिए की तरह कार्य करते हैं। प्रकृति के तत्व भगवान के डाकिए द्वारा लाए गए इन संदेशों को पढ़ कर समझ जाते हैं।