अपराजिता शब्द का निम्नांकित में से अर्थ होगा :
(ख) जिसने हार न मानी हो
स्पष्टीकरण
‘अपराजिता’ शब्द का शाब्दिक अर्थ है, जिसने हार ना मानी हो।
अपराजिता अर्थात जो कभी पराजित ना हुई हो। जिसकी कभी हार ना हुई हो, जिसने कभी हार ना मानी हो। इसलिए विकल्प (ग) सही विकल्प होगा।
‘अपराजिता’ शिवानी द्वारा लिखा गया यह ऐसा ही पाठ है, जिसमें उन्होंने डॉक्टर चंद्रा नाम की एक विकलांग युवती की कहानी का वर्णन किया है। जिसने शरीर से विकलांग होते हुए भी अपने जीवन को एक चुनौती की तरह लिया और अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त किया। उसने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर अपने लक्ष्य को प्राप्त करके उन लोगों को प्रेरणा दी है, जो थोड़ी सी कमी होने पर ही हार मान लेते हैं।
‘अपराजिता’ पाठ में डॉक्टर चंद्रा एक ऐसी ही विकलांग युवती थी। जिसका कमर के नीचे का हिस्सा पोलियो ग्रस्त होने के कारण निष्क्रिय था और वह दिन चेयर के सहारे चलती थी। डॉ. चंद्रा ने अपनी शारीरिक विकलांगता तो एक चुनौती की तरह लिया और तमाम विषमाताओं और परेशानयियों के बावजूद अपने लक्ष्य को प्राप्त किया।
कुछ और जानें
कवि ने अपने आने को ‘उल्लास’ और जाने को ‘आँसू बनकर बह जाना’ क्यों कहा है?