बचेंद्री पाल जी का माउंट एवरेस्ट चढ़ाई का सफर किस तरह रहा? इसको अपने वाक्य में लिखिए।


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बचेंद्री पाल जी का माउंट एवरेस्ट चढ़ाई का सफर रोमांच, साहस एवं जोखिम से भरपूर रहा था। बचेंद्री पाल को अपने एवरेस्ट की चढ़ाई वाले पर्वतारोही अभियान में रास्ते में अनेक तकलीफों और कष्टों का सामना भी करना पड़ा। उनके अभियान में अनेक रोमांचकारी अनुभव भी हुए। दुर्गम परिस्थितियों में भी अपना साहस ना खोने के गुण के कारण ही बचेंद्री पाल एवरेस्ट फतह के इस अभियान को पूरा कर पाईं थीं और एवरेस्ट फतह करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।

बचेंद्री पाल के इस एवरेस्ट अभियान के दौरान एक शेरपा कुली की की मृत्यु तक हो गई, जिस कारण अभियान दल के सदस्यों को काफी निराशा हुई थी लेकिन सभी अभियान के सदस्यों ने स्वयं को संभाला और निरंतर आगे बढ़ते रहें। रास्ते में मौसम संबंधी अनेक तकलीफें आने के बावजूद बचेंद्री पाल और उनका अभियान दल निरंतर आगे बढ़ता रहा था और अपने लक्ष्य को पाने के बाद ही रुका।
इस तरह बचेंद्री पाल का पर्वतारोही अभियान साहस एवं जोखिम से भरपूर रहा।


कुछ और जाने

बचेंद्री पाल ने एवरेस्ट के शिखर पर तिरंगा लहरा कर भारत के स्वाभिमान और गौरव को बढ़ाया है। पाठ के आधार पर समीक्षा कीजिए।

जीवन में आगे बढ़ने के लिए लक्ष्य निर्धारित करना क्यों आवश्यक है? पाठ ‘साहस को सलाम’ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

क्या स्वच्छता अभियान की ज़रूरत गाँव से ज़्यादा शहरों में है? (विस्थापित लोगों, मज़दूर बस्तियों, स्लमस क्षेत्रों, शहरों में बसी झुग्गी बस्तियों के संदर्भ में लिखिए।)

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