‘तताँरा वामीरो की कथा’ में वामीरो की आँखों के सामने तताँरा का याचना भरा चेहरा सामने आ जाता था।
जब वामीरो और तताँरा दोनों की प्रथम मुलाकात हुई, तो तताँरा द्वारा वामीरो से नाम पूछने पर वामीरो उसे झिड़कती हुई चली आई थी, लेकिन घर पर आने के बाद भी उसके सामने तताँरा का याचना भरा चेहरा सामने आ जाता था।
वामीरो ने तताँरा के बारे में काफी कुछ सुन रखा था। तताँरा के बारे में बातें सुन-सुन कर उसने अपनी कल्पना में एक अद्भुत साहसी युवक की छवि गढ़ रखी थी, लेकिन जब वामीरो ने तताँरा को वास्तविक रूप में अपने सामने देखा तो उसने तताँरा में एक सुंदर बलिष्ठ और बेहद शांत तथा सभ्य युवक का रूप पाया। वामीरो ने अपनी कल्पना में अपने जीवन साथी के विषय में सोच रखा था। उस तताँरा उसकी कल्पना से काफी मेल खाता था।
संदर्भ पाठ :
‘तताँरा-वामीरो की कथा’ कहानी ‘लीलाधर मंडलोई’ द्वारा लिखा गई एक कहानी है, जिसमें उन्होंने तताँरा और वामीरो नामक दो युवक-युवती की प्रेम कथा का वर्णन किया है। यह दोनों युवक-युवती निकोबार द्वीप समूह के दो अलग-अलग गाँवों ‘पासा’ और ‘लपाती’ के निवासी थे।
कुछ और जानें..
तताँरा वामीरो कथा के लेखक कौन हैं? श्री प्रेमचंद श्री लीलाधर मंडलोई श्री सियाराम शरण?
युवती को गीत गाने के लिए कौन कह रहा था ? ‘तताँरा वामीरो कथा’ कहानी के आधार पर बताइए।
तताँरा-वामीरो का चरित्र-चित्रण कीजिए। (तताँरा-वामीरो की कथा)
युवती को गीत गाने के लिए कौन कह रहा था ? ‘तताँरा वामीरो कथा’ कहानी के आधार पर बताइए।