दीपावली अक्टूबर-नवंबर महीने में मनाई जाती है।
वाच्य भेद इस प्रकार होगा :
वाच्य भेद : कर्तृवाच्य
विस्तृत विवरण
इस वाक्य में कर्तृवाच्य है, क्योंकि इस वाक्य के वाच्य से कर्ता की प्रधानता का आभास हो रहा है, इसलिए यह वाक्य ‘कर्तृवाच्य’ है।वाच्य के माध्यम से किसी वाक्य में क्रिया में कर्ता की प्रधानता अथवा कर्म की प्रधानता अथवा भाव की प्रधानता का बोध होता है।
थोड़ा और जानें :
हिंदी व्याकरण में वाच्य क्रिया का वह रूप होता है, जो वाक्य में कर्ता की प्रधानता अथवा कर्म की प्रधानता अथवा भाव प्रधानता का बोध कराता है।
वाच्य के तीन भेद होते हैं।
- कर्तृवाच्य
- कर्मवाच्य
- भाववाचक
जिस वाक्य में कर्ता की प्रधानता होती है, वह कर्तृवाच्य कहलाता है।
जैसे
माँ ने बेटे को खाना दिया।
जिस वाक्य में कर्म की प्रधानता होती है, वह कर्मवाच्य कहलाता है।
जैसे
माँ द्वारा बेटे को खाना दिया।
जिस वाक्य में भाव की प्रधानता होती है, वह भाववाच्य कहलाता है।
जैसे
माँ से बेटे को खाना दिया जाता।
कुछ और जाने
रविवार को हड़ताल है, अतः बाजार बंद रहेगा। वाक्य का प्रकार बताइए।
अगर मैंने कोरोना काल में सावधानी नहीं बरती तो मुझे कोरोना हो जाएगा। यह किस प्रकार का वाक्य है?