कछुआ दौड़ नहीं सकता-वाच्य का प्रकार होगा :
वाक्य : कछुआ दौड़ नहीं सकता।
वाच्य भेद : भाववाच्य
कारण
कछुआ दौड़ नहीं सकता। इस वाक्य में ‘भाववाच्य’ इसलिये होगा क्योंकि इसमें भाव की प्रधानता है। कछुआ यानि कर्ता की असमर्थता को प्रकट किया जा रहा है और वाक्य में भाव की प्रधानता हो गयी है इसलिये इस वाक्य में भाववाच्य होगा।
भाववाच्य वाले में वाक्यों में भावों की प्रधानता होती है।
थोड़ा और जानें
हिंदी व्याकरण में वाच्य क्रिया का वह रूप होता है, जो वाक्य में कर्ता की प्रधानता अथवा कर्म की प्रधानता अथवा भाव प्रधानता का बोध कराता है।
वाच्य के तीन भेद होते हैं।
- कर्तृवाच्य
- कर्म वाच्य
- भाववाचक
जिस वाक्य में कर्ता की प्रधानता होती है, वह कर्तृवाच्य कहलाता है।
जिस वाक्य में कर्म की प्रधानता होती है, वह कर्मवाच्य कहलाता है।
जिस वाक्य में भाव की प्रधानता होती है, वह भाववाच्य कहलाता है।