राम ने सीता को पा लिया कारक, काल और वाच्य छांटो।

राम ने सीता को पा लिया कारक काल और वाच्य इस प्रकार होंगे :

राम ने सीता को पा लिया।

कारक : कर्ता कारक
काल : सामान्य भूतकाल
वाच्य : कर्तृवाच्य
स्पष्टीकरण :

‘राम ने सीता को पा लिया।’ इस वाक्य में कारक कर्ता कारक इसलिए हुआ, क्योंकि इस वाक्य के माध्यम से कर्ता की प्रधानता प्रकट हो रही है।  राम द्वारा क्रिया को संपन्न किया जा रहा है। राम वाक्य का मुख्य कर्ता है, इसलिए यहाँ पर कारक का भेद ‘कर्ता कारक’ होगा।

‘राम ने सीता को पा लिया।’ इस वाक्य में काल का भेद ‘सामान्य भूतकाल’ इसलिए होगा, क्योंकि इस वाक्य के माध्यम से भूतकाल में किसी क्रिया के संपन्न होने की बात की जा रही है, लेकिन क्रिया भूतकाल में कब संपन्न हुई, उस समय विशेष का पता नहीं चल रहा है।

सामान्य भूतकाल वाले वाक्य में क्रिया के भूतकाल में संपन्न होने का तो बोध होता है, लेकिन भूतकाल में किस समय क्रिया संपन्न हुई, उसका कोई पता नहीं चलता। ऐसे वाक्य ‘सामान्य भूतकाल’ वाक्य कहे जाते हैं।

‘राम ने सीता को पा लिया।’ इस वाक्य में वाच्य ‘कर्तृ वाच्य’ होगा, क्योंकि इस वाक्य में कर्ता की प्रधानता है। राम वाक्य का मुख्य कर्ता है, इसके द्वारा पूरे वाक्य की क्रिया को संपन्न किया जा रहा है, इसलिए यह ‘कर्तृवाच्य’ है। कर्तृवाच्य वाले वाक्य में कर्ता की प्रधानता होती है।

और समझें

हिंदी व्याकरण में कारक के आठ भेद होते हैं।

  • कर्ता कारक
  • कर्म कारक
  • करण कारक
  • अधिकरण कारक
  • अपादान कारक
  • संप्रदान कारक
  • संबंध कारक

संबोधन कारकहिंदी व्याकरण में काल के तीन भेद होते हैं

भवर्तमान काल

भूतकाल

भविष्य काल

तीनों काल के अलग-अलग उपभेद भी होते हैं।

सामान्य भूतकाल भूतकाल का एक उपभेद है।हिंदी व्याकरण में वाच्य तीन भेद होते हैं।

  • कर्तृवाच्य
  • कर्मवाच्य
  • भाववाच्य

थोड़ा और जाने

मोहन बस के द्वारा मुंबई गया। वाक्य में कारक है?

नेता जी द्वारा उद्घाटन किया गया। वाच्य भेद बताइए।

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