‘पीला वस्त्र है जिसका अर्थात श्रीकृष्ण’ इसमें समास इस प्रकार है :
पीला है वस्त्र है जिसका अर्थात श्रीकृष्ण
समास : बहुव्रीहि समास
कारण :
‘पीला वस्त्र है जिसका’ पीतांबर अर्थात श्रीकृष्ण, क्योंकि इस समास विग्रह में शब्द समूह अपने सामान्य अर्थ को प्रकट न करते हुए एक विशिष्ट शब्द में रूढ़ हो गया है।
विस्तार से :
‘बहुव्रीहि समास’ किसी समास का वह प्रकार है, जिसमें समास के समस्त पद में कोई भी पद प्रधान नहीं होता बल्कि समास के समस्त पद मिलकर अपने सामान्य को प्रकट ना कर किसी तीसरे पद की ओर संकेत करते हैं।
ऊपर दिए गए वाक्य में ‘पीला वस्त्र है जिसका’ का सामान्य अर्थ ‘पीतांबर’ होगा लेकिन यह भगवान ‘श्रीकृष्ण’ के लिए शब्दरूढ़ हो गया है।
पीला वस्त्र है जिसका : पीतांबर अर्थात श्रीकृष्ण
इसी कारण यहां पर बहुव्रीहि समास होगा।
बहुव्रीहि समास के कुछ और उदाहरण
चार भुजाएं जिनकी : चतुर्भुज अर्थात भगवान विष्णु
तीन आँख जिनकी : त्रिलोचन अर्थात भगवान शिव
दस मुख हैं जिसके है जिसके : दशानन अर्थात रावण
यहां पर समस्त पद का सामान्य अर्थ न प्रकट होकर विशिष्ट अर्थ को प्रकट किया जा रहा है।, जो किसी तीसरे पद की ओर संकेत कर रहा है, जो विशेष अर्थ के संबंध में शब्दरूढ़ हो गया है।
समास से तात्पर्य शब्दों के संक्षिप्तीकरण से है। शब्दों को संक्षिप्त करके किसी एक पद में समेट लेने की प्रक्रिया समास कहलाती है।
समाज के 6 भेद होते हैं:
- अव्ययीभाव समास
- तत्पुरुष समास
- कर्मधारय समास
- बहुव्रीहि समास
- द्वंद्व समास
- द्विगु समास