मुंशी प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं में समाज के शोषित, वंचित वर्ग, निर्धन वर्ग तथा स्त्री वर्ग के प्रति सहानुभूति प्रकट की है।
मुंशी प्रेमचंद की अधिकतर रचनाएं आम मध्यमवर्गीय अथवा निम्न वर्गीय लोगों के जीवन से संबंधित रही हैं। उन्होंने अपनी रचनाओं में कमजोर, पिछड़े, निर्धन, शोषित, वंचित वर्गों तथा स्त्रियों आदि की बातें ही उठाई हैं। उन्होंने पशुओं को प्रति भी अपनी संवेदनाएं प्रकट की है। उनकी रचनाओं के मुख्य केंद्र बिंदु समाज के हाशिए पर खड़े लोग ही रहे हैं। यही कारण था कि मुंशी प्रेमचंद की रचनाएं इतनी अधिक लोकप्रिय हुई, क्योंकि वह आम भारतीय जनमानस के जीवन की झांकी को प्रस्तुत करती थीं।
‘मंत्र’ नामक कहानी के द्वारा उन्होंने भगत नाम के एक गरीब सपेरे की व्यथा का वर्णन किया है, तो ‘ईदगाह’ नामक कहानी के माध्यम से उन्होंने एक गरीब स्त्री अमीन और उसके पोते हामिद के बीच आत्मीय प्रेम का चित्रण किया है। ‘दो बैलों की कथा’ के माध्यम से उन्होंने पशुओं को केंद्र में रखकर पशुओं के मानवीय संवेदना को उकेरा है। ‘बड़े घर की बेटी’ कहानी में उन्होंने स्त्री को केंद्र में रखकर उसकी कुशलता का चित्रण किया है। ‘निर्मला’ उपन्यास का मुख्य पात्र एक स्त्री ही है। ‘पूस की रात’ कहानी में उन्होंने एक गरीब किसान की दुर्दशा और व्यथा का चित्रण किया है, तो ‘नमक का दरोगा’ कहानी में उन्होंने भ्रष्टाचार से लड़ने वाले एक मध्यमवर्गीय व्यक्ति को चित्रित किया है। उनकी कहानियों के अधिकतर पात्र मध्यम एवं निम्न मध्यमवर्गीय लोग ही रहे हैं।
इसीलिए हम कह सकते हैं कि मुंशी प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं में आम मध्यमवर्गीय एवं निम्नवर्गीय लोगों की व्यथा को ही उकेरा है। उन्होंने अपनी रचनाओं में गरीब, शोषित, वंचित, स्त्री आदि इन सभी के प्रति सहानुभूति प्रकट की है।
मुंशी प्रेमचंद से संबंधित कुछ और प्रश्न
प्रेमचंद की कहानियों का विषय समयानुकूल बदलता रहा | कैसे ? स्पष्ट कीजिए।
प्रेमचंद के अनुसार फल और सब्जियां खाने के क्या फायदे हैं?
प्रेमचंद की कहानी ईदगाह के हामिद और उसके दोस्तों का बाज़ार से क्या संबंध बनता है? विचार करें।
प्रेमचंद ने अपनी कहानी शतरंज के खिलाड़ी में नेतृत्वशील वर्ग को क्या करने का संदेश दिया है?