‘एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना’
‘एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना’ इन पंक्तियों का भाव यह है कि जीवन में सदैव मिलजुल कर कार्य करना चाहिए। जीवन में किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मिलजुल कर कार्य करने से लक्ष्य को आसानी से प्राप्त किया जा सकता हैय़
जब कोई व्यक्ति किसी कार्य को करने की बात मन में ठान लेता है और वह अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कठोर परिश्रम करता है। लेकिन कहते हैं कि अकेला चना भाड़ नही फोड़ सकता है। एक और एक मिलकर दो नही बल्कि एक और एक मिलकर ग्यारह होते हैं। यानि मिलजुलकर कार्य करने से कठिन से कठिन कार्य आसान हो जाता है।
इन पक्तियों का भाव यही है कि हमें सदैव मिल-जुलकर कार्य करना चाहिए। मिल-जुलकर कार्य करना हर कार्य को आसान बना देता है।
ये पक्तियाँ ‘साथी हाथ बढ़ाना’ गीत की है, जो कि साहिर लुधियानवी द्वारा लिखा गया है।
और कुछ सीखें
सफलता की, विजय की, उन्नति की कुंजी तो अविचल श्रद्धा ही है। इस वाक्य का भाव स्पष्ट कीजिए।
जागृत सब हो रहे हमारे ही आगे हैं में निहित भाव स्पष्ट कीजिए।
पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए “वर्ण-वर्ण के फूल खिले थे, झलमलकर हिम बिन्दु झिले थे, हलके झोंके हिले मिले थे, लहराता था पानी।” “लहराता था पानी। ‘हाँ, हाँ यही कहानी।”