‘कल कल कोमल कुसुम पर मधु बरसाने वाली कौन’ इस पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार इस प्रकार है :
काव्य पंक्ति : कल कल कोमल कुसुम पर मधु बरसाने वाली कौन
अलंकार भेद : अनुप्रास अलंकार
स्पष्टीकरण :
‘कल कल कोमल कुसुम पर मधु बरसाने वाली कौन’ इस पंक्ति में ‘अनुप्रास अलंकार’ हैं क्योंकि इस काव्य पंक्ति में ‘क’ वर्ण की कुल पाँच बार पुनरावृत्ति हुई है।
अनुप्रास अलंकार की परिभाषा :
अनुप्रास अलंकार किसी काव्य में वहां पर प्रकट होता है, जब उस काव्य में किसी शब्द का प्रथम वर्ण अनेक शब्दों में प्रथम वर्ण के रूप में प्रयुक्त किया गया हो, अर्थात कोई वर्ण अनेक शब्दों का प्रथम वर्ण हो।
दूसरा नियम ये है कि कोई समान शब्द एक ही अर्थ के संदर्भ में कुछ काव्य पंक्ति में अलग-अलग जगह पर प्रयुक्त किया गया हो। इस तरह के काव्य में अनुप्रास अलंकार होता है।
अलंकार की परिभाषा :
शब्दों का सौंदर्य बढ़ाने को अलंकार कहते हैं। अलंकार किसी काव्य के लिये आभूषण का कार्य करते हैं, जो किसी काव्य का सौंदर्य बढ़ाते हैं।