निबंध
15 अगस्त
15 अगस्त को भारत में स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि 15 अगस्त 1947 को भारत को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता मिली थी। 15 अगस्त को ही भारत एक स्वतंत्र देश बना था। इसी कारण 15 अगस्त को भारत में स्वतंत्रता दिवस से रूप में मनाया जाता है।
स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त)
कैसे मिली भारत को स्वतंत्रता?
भारत की आजादी का 76 वां वर्ष आने वाला है। इससे पहले हमें उस दिन की ओर जाना होगा जब हमारे देश को स्वतंत्रता मिली थी यानी 15 अगस्त 1947 ही वह विशेष दिन है, जिस दिन भारत को अंग्रेजों से स्वतंत्रता मिली थी और भारत पूर्ण स्वतंत्र देश बन गया था।
15 अगस्त 1947 ही वो दिन था, जिस दिन ब्रिटिश शासन ने भारत को पूर्ण रूप से स्वतंत्र देश घोषित कर दिया और भारत की सत्ता भारत के लोगोंं के हाथ में सौंप दी।
स्वतंत्रता का महत्व
इस स्वतंत्रता को पाने के लिये भारत के हजारों-लाखों लोगों का अपने जीवन का बलिदान देना पड़ा था। न केवल उन्हें अपने जीवन का बलिदान देना पड़ा बल्कि भारत को टुकड़ों में भी बंटना पडा। इसका मतलब ये है कि जब भारत को स्वतंत्रता मिलो तो भारत को अननी धरती को बांटना पडा और भारत के अलग होकर पाकिस्तान नाम का एक नया देश बना। अंग्रेज भारत के लोगों के स्वाधीनता संघर्ष के आगे झुक तो गये लेकिन जाते-जाते भारत की विभाजन की त्रासदी दे गये।
स्वतंत्रता हमारे लिये इसलिये भी महत्वपूर्ण है क्योकि इसी स्वतंत्रता को पाने को लिये कितने लोगों ने अपना बलिदान दिया है। इन स्वतंत्रता सेनानियों में महात्मा गाँधी, सुभाषचंद्र बोस, लाला लाजपतराय, भगतसिंह, चंद्रशेखर आजाद, राजगुरु, सुखदेव, विपिचंद्र पाल, बालगंगाधर तिलक, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान आदि के नाम प्रमुख हैं।
ये स्वतंत्रता आसानी से नही मिली है। स्वतंत्रता इसलिये महत्वपूर्ण है क्योंकि संसार में हर कोई स्वतंत्र रहना चाहता है। स्वतंत्रता का जो आनंद है वो परतंत्रता में नही है।
किसी भी देश के नागरिक कभी नही चाहेंगे कि उन पर कोई विदेशी शक्ति आकर शासन करे और उनके अधिकारों का हनन करे। इसीलिये स्वतंत्रता हमारे लिये महत्वपू्र्ण है।
स्वतंत्रता दिवस अर्थात 15 अगस्त के दिन क्या किया जाता है?
स्वतंत्रता दिवस एक राष्ट्रीय पर्व है जो प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को पूरे भारत के निवासियों द्वारा बेहद उत्साह पूर्वक मनाया जाता है। इस दिन विद्यालयों में अध्यापकों और छात्रों द्वारा झंडा फहराया जाता है। सभी मिलकर राष्ट्रीय गान गाते हैं। विद्यालय में लड्डू मिठाई आदि बाटी जाती है। देश भक्ति से संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन होता है। छात्र अपनी-अपनी रुचि एवं क्षमता के अनुसार तरह-तरह के कार्यक्रमों की प्रस्तुति देते हैं। अध्यापकों द्वारा छात्रों को स्वतंत्रता दिवस का महत्व समझाया जाता है।
विद्यालय के अतिरिक्त सभी प्रमुख संस्थानों में वहां के अधिकारी एवं कर्मचारी गण अपने अपने कार्यालय में झंडा फहराते हैं और राष्ट्रीय गान गाते हैं। सभी सरकारी संस्थानों में विशेष रूप से झंडा फहराया जाता है। निजी संस्थान भी राष्ट्रीय झंडा पर आकर और राष्ट्रीय गान का कर तथा देश भक्ति के गीत गाकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हैं। जगह जगह ढोल नगाड़े होते हैं और देशभक्ति से भरे हुए गीतों से देश का कोना-कोना गुंजायमान हो जाता है।
इस तरह 15 अगस्त का राष्ट्रीय पर्व सभी देशवासियों द्वारा पूरे उत्साह से मनाया जाता है।
भारत के पहले प्रधानमंत्री
भारत की आजादी के बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू बने। जो 14 मई 1964 को उनके निधन के समय तक लगभग 16 साल 9 माह तक भारत के प्रधानमंत्री रहे।
भारत के अन्य प्रधानमंत्री
जवाहरलाल नेहर के बाद भारत के अन्य प्रधामंत्रियों में लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, मोरारजी देसाई, चौधरी चरण सिंह, राजीव गांधी, विश्वनाथ प्रताप सिंह, चंद्रशेखर, एच डी देवगौड़ा, इंद्र कुमार गुजराल, अटल बिहारी बाजपेई, मनमोहन सिंह एवं नरेंद्र मोदी के नाम प्रमुख हैं।
नरेंद्र मोदी वर्तमान समय में भारत के प्रधानमंत्री हैं।
हमें अपनी स्वतंत्रता को बरकरार रखना है।
हमें अपनी स्वंत्रता को बरकरार रखने के लिये आवश्यक है कि हम जागरूर रहें, सतर्क रहें, स्वभिमानी और स्वाबलंबी बनें। अपने देश के विकास में एक जागरूक नागरिक होने के नाते अहम् योगदान दें। एक स्वाबलंबी और स्वाभिमानी देश को कोई भी शक्ति गुलाम नही बना सकती।
एक स्वतंत्र नागरिक होने के नाते कर्तव्य
एक स्वतंत्र नागरिक होने के नाते हमारे अपने देश के कर्तव्य और अधिकार हैं। सबसे पहले हमें अपने कर्तव्यों का पालन करना होगा तभी हम अपने अधिकारों के लिए कह सकते हैं। अधिकार और कर्तव्य दोनों एक दूसरे के प्रति पूरक हैं। यदि हम अपने अधिकारों की मांग करते हैं तो हमें अपने कर्तव्य को भी पूरा करना होगा। हमें अपने देश के विकास के योगदान में पूर्ण योगदान देना होगा और एक सच्चे एवं ईमानदार भारतीय नागरिक का कर्तव्य निभाना होगा।
हमें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना होगा और कोई भी शक्ति हमारे अधिकारों का हनन नहीं कर पाए के इसके लिए हमें हर संभव प्रयास करना होगा। तब ही हमारी स्वतंत्रता का असली उद्देश्य पूरा होगा।
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