‘दलित-दीन’ में जो अलंकार होता है, वो इस प्रकार है :
काव्य पंक्ति : दलित-दीन
अलंकार का भेद : अनुप्रास अलंकार
‘दलित दीन’ इस काव्य पंक्ति में ‘अनुप्रास अलंकार’ है।
कारण : क्योंकि इस काव्य पंक्ति मे ‘दलित दीन’ इन दो शब्दों में ‘द’ वर्ण की दो बार आवृत्ति हुई है। इसका अर्थ है कि दो शब्दों का पहला वर्ण ‘द’ है।
“बाल कल्पना के से पाले” में अलंकार है?
अनुप्रास अलंकार की परिभाषा :
अनुप्रास अलंकार किसी काव्य में वहां पर प्रकट होता है, जब उस काव्य में किसी शब्द का प्रथम वर्ण अनेक शब्दों में प्रथम वर्ण के रूप में प्रयुक्त किया गया हो, अर्थात कोई वर्ण अनेक शब्दों का प्रथम वर्ण हो।
दूसरा नियम ये है कि कोई समान शब्द एक ही अर्थ के संदर्भ में कुछ काव्य पंक्ति में अलग-अलग जगह पर प्रयुक्त किया गया हो। इस तरह के काव्य में अनुप्रास अलंकार होता है।
युधिष्ठिर जैसा संकल्प में कौन सा अलंकार है बताइए?
अलंकार की परिभाषा :
अलंकार से तात्पर्य किसी काव्य में शब्दों के सौंदर्य से है। अलंकार किसी काव्य के लिये आभूषण का कार्य करते हैं, जो किसी काव्य का सौंदर्य बढ़ाते हैं।
मोर मुकुट में प्रयुक्त अलंकार बताइए।
‘गा-गाकर बह रही निर्झरी, पाटल मूक खड़ा तट पर है’ पंक्ति में अलंकार है।