हिंदी साहित्य में तुलसीदास को किसकी उपमा गई है? (अ) सूर्य की (ब) चंद्रमा की (स) तारे की (द) ग्रह की

हिंदी साहित्य में तुलसीदास को ‘सूर्य’ की उपमा दी गई है।

तुलसीदास को हिंदी साहित्य का सूर्य माना जाता है, क्योंकि उन्होंने हिंदी साहित्य के अनमोल ग्रंथ रामचरितमानस की रचना की। उन्होंने रामचरितमानस को सरल हिंदी में प्रस्तुत किया। उनका यह काव्य ग्रंथ आम घर की पहचान बन गया और घर-घर में इस ग्रंथ को पूरी श्रद्धा से पढ़ा जाता था।

तुलसीदास द्वारा रचित सभी रचनाएं सरल हिंदी में रची गई हैं, जो कि अवधी भाषा में रचीं गयी हैं। अवधी भाषा हिंदी भाषा का एक स्थानीय रूप है।

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घर-घर में समझी जाने आम भाषा में अपने साहित्य की रचना कर तुलसीदास ने हिंदी साहित्य को समृद्ध किया और लोकप्रिय बनाया। उनसे पहले अधिकतर साहित्य संस्कृत में था। जिसे आम जनता को समझना कठिन कार्य होता था।तुलसीदास ने सरल भाषा में साहित्य की रचना कर आम लोगों तक पहुँचाया इसी कारण उन्हें हिंदी साहित्य का सूर्य कहा जाता है।

तुलसीदास की भक्ति भावना पर प्रकाश डालिए।

तुलसीदास हिंदी साहित्य की रामाश्रयी शाखा के एक महान कवि थे, उन्होंने रामचरितमानस जैसे महाकाव्य की रचना की, जो हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ रामायण हिंदी सरलीकरण है।

तुलसीदास की अन्य प्रमुख रचनाओं के नाम इस प्रकार हैं :

  • विनय पत्रिका
  • पार्वती मंगल
  • जानकी मंगल
  • दोहावली
  • रामाज्ञा प्रश्न
  • बरवै रामायण
  • कवितावली
  • हनुमान बाहुक
  • गीतावली

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