अनुच्छेद लेखन
पशु प्रेम मानवता का प्रतीक
पशु प्रेम पूरी तरह मानवता का प्रतीक है। इस बात में कोई भी संदेह वाली बात नहीं है। पशु भी प्राणी है, वह भी मनुष्य की तरह ही प्राणी होते हैं। उनके अंदर भी रक्त, मांस, मज्जा आदि होती है। उन्हे भी दर्द, कष्ट, संवेदना इत्यादि होती है। उन्हें भी चोट लगने पर दर्द होता है। पशुओं के प्रति प्रेम भाव अपनाना पूरी तरह मानवता है। सच्ची मानवता वही है जहां पर दया का भाव हो। दूसरों के प्रति करुणा एवं दया का भाव मानवता का सबसे सर्वोत्तम गुण है। यदि हम पशुओं के प्रति दया एवं करुणा का भाव रखते हैं तो हम मानवता के सर्वोत्तम गुण का ही पालन करते हैं।
अनुच्छेद लिखिए : जब मैं पाठशाला देरी से पहुँचा।
पशुओं के प्रति हिंसा करना उन्हें मारना तथा उन्हें मार कर खाना यह सभी अमानवीय कृत्य हैं। प्रकृति ने हमें अनेक तरह के फल, सब्जियां, अनाज आदि खाद्य पदार्थों के रूप में प्रदान किए हैं, फिर भी हम इन सुंदर खाद्य पदार्थों को छोड़कर पशुओं को मारते हैं, उन्हें खाते हैं अथवा उनके प्रति हिंसा का भाव अपनाते हैं। यह पूरी अमानवीय है।
समाज में फैली बुराइयों का उल्लेख करते हुए एक अनुच्छेद लिखिए।
आजकल पशु के द्वारा मनोरंजन के नाम पर अनेक तरह के खेल एवं प्रतिस्पर्धायें आयोजित की जाती है, जिनमें पशुओं को बेहद निर्दयी परिस्थितियों में रखा जाता है और उनसे अनेक तरह की अमानवीय क्रियाएं कराया जाती है। इससे उन्हें भले ही तकलीफ होती है लेकिन मानव को बड़ा आनंद आता है। यह मानवता का परिचायक नहीं है।
जीवन में खेलकूद का महत्व। इस विषय पर लगभग 100-120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखें।
हमें पशु को भी अपने जैसा भी प्राणी मान कर और यह मानकर कि उन्हें भी हमारी तरह ही दर्द होता है, उन्हें भी चोट लगने पर तकलीफ होती है, पशुओं के प्रति प्रेम भाव अपनाना चाहिए, तभी हम मानवता के सच्चे रूप को प्रदर्शित कर सकते हैं।